जेट एयरेवज का मालिकाना हक जालान-कालरॉक को सौंपे जाने का फैसला बरकरार

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नयी दिल्ली,  राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखा और इसके स्वामित्व को जालान कालरॉक समूह को हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी।

अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठ ने जेट एयरवेज की निगरानी समिति को 90 दिन के भीतर मालिकाना हक हस्तांतरण पूरा करने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा पीठ जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को प्रदर्शन बैंक गारंटी के रूप में समूह की तरफ से दिये गये 150 करोड़ रुपये को समायोजित करने का भी निर्देश दिया है।

जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान और सफल बोली लगाने वाले जालान कालरॉक गठजोड़ (जेकेसी) के बीच बंद पड़ी विमानन कंपनी के प्रबंधन के हस्तांतरण को लेकर एक साल से अधिक समय से कानूनी विवाद चल रहा है।

इससे पहले, कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को इस मुद्दे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

एनसीएलएटी ने प्रबंध समिति को सफल समाधान आवेदक (एसआरए) जालान कालरॉक गठजोड़ को प्रस्तावित अचल संपत्तियों को लेकर 30 दिन के भीतर सुरक्षा व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया। समिति में एसबीआई के नेतृत्व वाले ऋणदाता शामिल हैं।

ऐसी सुरक्षा के निर्माण पर संबद्ध वित्तीय संस्थानों को सफल समाधान आवेदनकर्ता से समान राशि के भुगतान के लिए 150 करोड़ रुपये की प्रदर्शन बैंक गारंटी को समायोजित करने का निर्देश दिया गया था।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि सुरक्षा सृजित करने के 30 दिन के भीतर ऋणदाता जेट एयरवेज के शेयर सफल बोलीदाता को देंगे और कंपनी की जिम्मेदारी सौपेंगे।

एनसीएलएटी ने कहा कि स्वामित्व हस्तांतरण की तारीख से 30 दिन के भीतर स्वीकृत समाधान योजना के अनुसार बकायेदारों को सभी भुगतान पूरे करने होंगे।

सफल बोलीदाता को सौंपने के बाद जेट एयरवेज कामकाज और परिचालन शुरू कर सकती है। यह नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करेगा।

जेट एयरवेज ने बयान में कहा, ‘‘एनसीएलएटी ने बिना किसी बदलाव के मूल रूप से स्वीकृत समाधान योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है और ऋणदाताओं को तत्काल क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिए हैं।’’

जेट एयरवेज का परिचालन अप्रैल, 2019 से बंद है। कंपनी ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि नए प्रस्तावित प्रवर्तकों – जालान-कालरॉक गठजोड़ – ने विमानन कंपनी में 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश पूरा कर लिया है।

इस पूंजी के साथ जालान-कालरॉक गठजोड़ ने अदालत से मंजूर समाधान योजना के तहत 350 करोड़ रुपये की कुल वित्तीय प्रतिबद्धता को पूरा कर लिया है।