मुंबई, उद्योग और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत के करीब रहेगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को यह बात कही।
उन्होंने पंजीकृत निवेश सलाहकार संघ (एआरआईए) के एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिसे संबोधित करते हुए कहा कि वृद्धि सांख्यिकी मंत्रालय के 7.6 प्रतिशत के अनुमान से अधिक होगी।
उन्होंने कहा कि निकट अवधि में भारत की संभावनाओं के बारे में आशावादी होने के कई कारण हैं।
नागेश्वरन ने कहा, ‘‘अगर चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े उस गति से बहुत कम नहीं होते हैं, जो हमने पहली तीन तिमाहियों में देखे हैं, तो सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत के बजाय आठ प्रतिशत के करीब रहेगी।’’ गौरतलब है कि सांख्यिकी मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
उन्होंने हालांकि जीत की खुशी से प्रभावित हुए बिना लक्ष्य की ओर विनम्रता के साथ काम करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि एक देश के रूप में हमें उच्च गति छोटी अवधि के लिए नहीं, बल्कि लंबी अवधि के लिए बनाए रखनी है।
सीईए ने कहा कि 2023-24 में उद्योग और सेवाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जबकि अनियमित मानसून के कारण कृषि क्षेत्र पिछड़ रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि सर्दियों की फसल की अधिक बुवाई, अल नीनो में कमी और सामान्य मानसून की उम्मीद से आगे कृषि क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है।