काठमांडू, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ बुधवार को प्रतिनिधि सभा में बहुमत साबित करेंगे। कुछ दिन पहले उन्होंने नेपाली कांग्रेस से नाता तोड़कर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्कसिस्ट-लेनिनिस्ट) (सीपीएन-यूएमएस) के साथ नया गठबंधन किया था।
प्रतिनिधि सभा में तीसरे सबसे बड़े दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के नेता प्रचंड ने रविवार को इस संबंध में संसदीय सचिवालय को एक पत्र भेजा था।
संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, किसी भी सहयोगी दल के समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है।
प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस का समर्थन खोने के बाद प्रचंड के लिए बहुमत साबित करना आवश्यक है।
नयी सरकार को विश्वास मत साबित करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 वोटों की आवश्यकता है। दिसंबर 2022 में पद संभालने के बाद से 69 वर्षीय प्रचंड बुधवार को तीसरी बार विश्वास साबित करेंगे।
प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को फिलहाल संसद के निचले सदन में 150 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।
प्रतिनिधि सभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल के पास 76 सीटें हैं, जबकि तीसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के पास 32 सीटें हैं। इसी तरह, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के पास क्रमशः 20, 12 और 10 सीटें हैं।