रणजी ट्राफी में सफलता के लिए ‘हाई प्रोफाइल’ कोच की जरूरत नहीं : रहाणे

मुंबई,  मुंबई रणजी ट्राफी टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने शनिवार को अपने मुख्य कोच ओंकार साल्वी की प्रशंसा के पुल बांधते हुए कहा कि सफलता दिलाने के लिए कोच का ‘हाई प्रोफाइल’ होना जरूरी नहीं है।



रणजी ट्राफी फाइनल में प्रतिद्वंद्वी विदर्भ की टीम के कोच उस्मान गनी भी ज्यादा मशहूर नहीं हैं।



मुंबई की टीम अपना 48वां रणजी ट्राफी फाइनल खेल रही है और 80 से ज्यादा टेस्ट के अनुभवी रहाणे ने कहा कि जो कोच ‘हाई प्रोफाइल’ नहीं हैं, वे भी अपनी भूमिका बेहतरीन ढंग से निभा रहे हैं।



उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि आपको टीम के लिए ‘हाई प्रोफाइल’ कोच रखने की जरूरत नहीं है। आप ‘लो प्रोफाइल’ (कम मशहूर) रहकर भी अपना काम कर सकते हो और प्रत्येक खिलाड़ी से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा सकते हो। ओंकार ने वास्तव में अच्छा काम किया है। उन्हें उतना अनुभव है।’’



इस 35 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘वह (साल्वी) पहले भी मुंबई टीम के साथ थे लेकिन अलग भूमिका (गेंदबाजी कोच) में थे। लेकिन अब वह मुख्य कोच हैं, उनकी यात्रा मई के अंत में या पिछले साल जून के अंत में शुरू हुई। उन्होंने प्रत्येक खिलाड़ी के साथ जो काम किया, हर खिलाड़ी का ध्यान रखा और उसके प्रदर्शन पर नजर रखी, वह शानदार है।’’



रहाणे को लगता है कि भारत के घरेलू सर्किट में ‘लो प्रोफाइल’ कोच खिलाड़ियों को खेलने की आजादी और अहमियत देते हैं।



उन्होंने कहा, ‘‘विदर्भ के कोच के साथ भी यही बात है, वह भी काफी ‘लो प्रोफाइल’ है। ऐसे कोच होना अच्छा है। वे खिलाड़ियों को अहमियत देते हैं। वे खिलाड़ियों को आजादी देते हैं। ’’



रहाणे ने कहा, ‘‘यह भारतीय क्रिकेट कोच के लिए अच्छा संकेत है। ‘लो प्रोफाइल’ कोच भी टीम के लिए अपना काम कर सकते हैं। ’’