नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने लाल किला विस्फोट मामले में शुक्रवार को आरोपी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला की एनआईए हिरासत को सात दिनों के लिए बढ़ा दिया।
इसके अलावा अदालत ने बम विस्फोट करने वाले उमर-उन-नबी को पनाह देने वाले फरीदाबाद निवासी शोएब को पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शोएब और बिलाल को पटियाला हाउस अदालत में पेश किया। दोनों को 15 दिसंबर को चार दिनों के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेजा गया था, जिसकी अवधि समाप्त हो गई थी।
मीडियाकर्मियों को अदालत की कार्यवाही को कवर करने से रोक दिया गया था।
दोनों आरोपियों को प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने जांच एजेंसी को नसीर को हिरासत में लेकर सात और दिनों तक पूछताछ करने की अनुमति दी। वहीं, शोएब को 24 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
एनआईए के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि एजेंसी ने हरियाणा के फरीदाबाद के धौज निवासी शोएब को दिल्ली विस्फोट से पहले ‘आतंकवादी’ उमर-उन-नबी को रसद संबंधी सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एनआईए ने डॉ. नसीर बिलाल मल्ला को साजिश का मुख्य आरोपी बताते हुए नौ दिसंबर को दिल्ली में गिरफ्तार किया था।
एनआईए की जांच के अनुसार, नसीर ने उमर-उन-नबी को रसद संबंधी सहायता प्रदान करके जानबूझकर उसे शरण दी थी।
एनआईए ने इस मामले में पहले ही नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें तीन और डॉक्टर डॉ. मुज़म्मिल गनाई, डॉ. अदील राथर, डॉ. शाहीन सईद और धार्मिक उपदेशक मौलवी इरफान शामिल हैं।
यह मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए एक ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है।
दस नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे। यह कार उमर उन नबी चला रहा था। घटना में दो दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। कार आमिर राशिद अली के नाम से पंजीकृत पाई गई थी।