योगी आदित्यनाथ ने “काकोरी ट्रेन एक्शन” के नायकों के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की
Focus News 19 December 2025 0
लखनऊ/शाहजहांपुर, 19 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के नायकों के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि दी।
योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के स्वाभिमान की अमर गूंज ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के नायक पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।’’
पोस्ट में योगी ने कहा, ‘‘मातृभूमि के सम्मान और स्वतंत्रता की लौ को प्रज्वलित रखने के लिए आप सभी ने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया। आपकी विरासत हमें राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संकल्प देती रहेगी।’’
वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘शौर्य, निडरता और मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण के प्रतीक अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल जी, अशफाक उल्ला खां जी एवं रोशन सिंह जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि!’’
पोस्ट में मौर्य ने कहा, ‘‘‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के माध्यम से इन अमर वीरों ने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी। युवाओं तथा देशप्रेमियों को संगठित कर मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए उत्साहित करने वाले इन महान क्रांतिकारियों का अद्वितीय साहस और बलिदान राष्ट्र की स्मृतियों में सदैव अमर रहेगा।’’
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ‘एक्स’ पर एक संदेश में कहा, “देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते हंसते प्राणों की आहुति देकर क्रांति की अलख जगाने वाले महान क्रांतिकारी, अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल जी, अशफाक उल्ला खां जी, ठाकुर रोशन सिंह जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।”
नौ अगस्त 1925 को काकोरी में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश राज के विरुद्ध क्रांति के लिए हथियार खरीदने के मकसद से ब्रिटिश सरकार का खजाना लूट लिया था।
19 दिसंबर, 1927 को राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर, रोशन सिंह को मलाका (नैनी) जेल और अशफाक उल्लाह खां को फैजाबाद (अयोध्या) जेल में फांसी दी गई। राजेंद्र लाहिड़ी को इससे दो दिन पहले 17 दिसंबर को गोंडा जेल में फांसी पर चढ़ाया गया।
2021 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस क्रांतिकारी घटना का नाम बदलकर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ कर दिया। इस नए नाम का इस्तेमाल आधिकारिक संचार में उस घटना के संदर्भ में किया जाने लगा, जिसे आमतौर पर ‘काकोरी ट्रेन डकैती’ या ‘काकोरी ट्रेन षड्यंत्र’ के रूप में वर्णित किया जाता था।
इस बीच शाहजहांपुर से मिली खबर के अनुसार शाहजहांपुर जिले के रहने वाले शहीद क्रांतिकारियों के सम्मान में शुक्रवार को यहां स्थानीय स्तर पर अवकाश है। पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व ठाकुर रोशन सिंह शाहजहांपुर जिले के ही निवासी थे।
अशफाक उल्ला खां के पौत्र ने मांग की है कि विद्यालयों में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद छात्र-छात्राओं को आयोजनों के माध्यम से शहीदों के बारे में बताया जाए, जिससे बच्चों के अंदर भी देश प्रेम की भावना जागृत हो।
क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां के पौत्र अशफाक उल्ला खां ने बताया कि उनके दादा की इच्छा थी कि उनका नाम हमेशा याद किया जाए और यह इच्छा उन्होंने जेल में उनसे आखिरी बार मिलने गए अपने भाई से व्यक्त की थी। इसलिए जब उनका जन्म हुआ तो उनका नाम दादा के नाम पर अशफाक उल्ला खान रख दिया गया।
खां ने कहा कि शाहजहांपुर में सरकार ने आज के दिन स्थानीय अवकाश घोषित किया है लेकिन वह चाहते हैं कि आज विद्यालयों में अवकाश के साथ-साथ श्रद्धांजलि कार्यक्रम भी होना चाहिए तथा अध्यापक बच्चों को यह भी बताएं कि कैसे हमारे जिले के क्रांतिकारी हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए।
खां बताते हैं कि वह लगातार मांग कर रहे हैं कि सरकारी पाठ्यक्रम में भी क्रांतिकारियों का पाठ हो।
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “यह एक बहुत अच्छा सुझाव है और अगर उनके पास ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो वह इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।”
उन्होंने कहा कि औपचारिक आयोजनों के माध्यम से इसे बच्चों तक पहुंचा जाएगा जिससे आने वाली पीढ़ी में देशभक्ति और राष्ट्र निर्माण की भावना और मजबूत होगी।
जिलाधिकारी सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल इतिहास को जीवंत बनाएंगे बल्कि युवाओं को अपने महापुरुषों से प्रेरणा लेने का अवसर भी देंगे। इस पहल से लोगों की स्मृतियों में शाहजहांपुर के क्रांतिकारियों की अमर कथाएं ताजा रहेंगी और जिले की ऐतिहासिक पहचान भी ताजा रहेगी।
