बस्तो अर्सिज़ियो (इटली), विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता निशांत देव ने बुधवार को यहां ब्रिटेन के मुक्केबाज लुईस रिचर्डसन के खिलाफ 3-1 की रोमांचक जीत दर्ज करके पहले ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर में अपने अभियान की शानदार शुरुआत की, लेकिन अनुभवी शिव थापा को पहले दौर में ही हार का सामना करना पड़ा।
पुरुषों के 71 किग्रा भार वर्ग में निशांत ने राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता रिचर्डसन के खिलाफ शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया और पहले राउंड में 4-1 से जीत दर्ज की।
यह 23 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज दूसरे राउंड में अपने प्रतिद्वंद्वी पर पूरी तरह हावी हो गया और उन्होंने अपने दाहिने हाथ से कुछ जोरदार मुक्के जमाए। निशांत ने इस राउंड को 5-0 से जीता।
निशांत ने तीसरे राउंड में अपनी बढ़त को बरकरार रखने के लिए रक्षात्मक रवैया अपनाया तथा आखिर में विभाजित फैसले से जीत हासिल की।
एशियाई चैंपियनशिप में छह बार के पदक विजेता शिव थापा (63.5 किग्रा) उज्बेकिस्तान के मौजूदा विश्व चैंपियन रुस्लान अब्दुल्लाव से हार गए।
रुस्लान ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन किया। उन्होंने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाकर भारतीय मुक्केबाज को रक्षात्मक होने के लिए मजबूर कर दिया। शिव थापा की यह रणनीति हालांकि ज्यादा देर तक नहीं चली क्योंकि रुस्लान ने आक्रमण जारी रखा था। रेफरी ने पहले राउंड में ही मुकाबला रोककर उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज को विजेता घोषित कर दिया।
इससे पहले मंगलवार को मौजूदा राष्ट्रीय चैंपियन लक्ष्य चाहर (80 किग्रा) ईरान के 2021 के एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता गेश्लाघी मेसम से हारकर पहले दौर में बाहर होने वाले चौथे भारतीय मुक्केबाज बने थे।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता दीपक भोरिया (51 किग्रा), एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता नरेंदर बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) और राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैस्मीन लाम्बोरिया (60 किग्रा) सभी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाए।
भारत ने अब तक पेरिस ओलंपिक के लिए मुक्केबाजी में चार कोटा हासिल किए हैं। ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले मुक्केबाजों में निकहत ज़रीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), परवीन हुडा (57 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) शामिल हैं। इन सभी ने पिछले साल एशियाई खेलों में ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
पहले विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में 590 से अधिक मुक्केबाज 49 कोटा स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। जो मुक्केबाज यहां ओलंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाएंगे उन्हें बैंकॉक में 23 मई से तीन जून तक होने वाले दूसरे विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर में पेरिस का टिकट कटाने का मौका मिलेगा।