भारत और इथियोपिया क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और कनेक्टिविटी के मामले में प्राकृतिक साझीदार हैं: मोदी

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अदीस अबाबा, 17 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इथियोपियाई संसद को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और इथियोपिया क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और कनेक्टिविटी के मामले में ‘‘प्राकृतिक साझीदार’’ हैं।

मंगलवार को अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर इथियोपिया पहुंचे मोदी ने इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।

यह विश्व की 18वीं संसद है जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इथियोपिया अफ्रीका के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित है। भारत हिंद महासागर के केंद्र में स्थित है। हम क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और कनेक्टिविटी में प्राकृतिक साझीदार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष की शुरुआत में रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हमारी पारस्परिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है। यह व्यवस्था निकट सैन्य सहयोग पर केंद्रित है।’’

उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच ‘‘जलवायु और विचारों के मामले में भी समानता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पूर्वजों ने केवल वस्तुओं का ही नहीं बल्कि विचारों और जीवन-शैली का भी आदान-प्रदान किया।

मोदी ने कहा कि दोनों देश समझते हैं कि लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका और एक निरंतर यात्रा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कभी बहस से, कभी मतभेद से आकार लेता है लेकिन हमेशा कानून के शासन से निर्देशित रहता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश का पहिया जनता के साथ सामंजस्य में घूमता है, तो प्रगति का पहिया आशा व उद्देश्य के साथ आगे बढ़ता है।

‘ग्लोबल साउथ’ के बारे में मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र अपना भविष्य स्वयं लिख रहा है और भारत तथा इथियोपिया इसके लिए एक साझा दृष्टि रखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कल्पना ऐसे विश्व की है, जहां ‘ग्लोबल साउथ’ किसी के खिलाफ नहीं बल्कि सभी के लिए आगे बढ़े।’’

मोदी ने कहा कि हम एक अधिक न्यायपूर्ण, समान और शांतिपूर्ण विश्व के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं और यदि वैश्विक प्रणालियां अतीत में उलझी रहेंगी तो दुनिया आगे नहीं बढ़ सकती।

उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष को मजबूत करने में इथियोपिया की एकजुटता के लिए भी आभार व्यक्त किया।

भारत और इथियोपिया के बीच सभ्यतागत संबंधों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश प्राचीन ज्ञान को आधुनिक आकांक्षाओं के साथ जोड़ते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मातृभूमि के प्रति भावनाएं भी हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ और इथियोपिया का राष्ट्रगान दोनों में राष्ट्र को जननी जन्मभूमि बताया गया है।’’

उन्होंने कहा कि ये हमें अपनी विरासत, संस्कृति और सौंदर्य पर गर्व करने और मातृभूमि की रक्षा करने की प्रेरणा देते हैं।

उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के रूप में, भारत और इथियोपिया एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं और एक-दूसरे को बहुत कुछ दे सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय कंपनियां इथियोपिया में सबसे बड़े निवेशकों में शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में पांच अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है और 75,000 से ज्यादा रोजगार सृजित किए हैं।

उन्होंने घोषणा की कि भारत और इथियोपिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी तथा इथियोपियाई प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के बीच व्यापक वार्ता के बाद कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ।

अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना ने ‘‘सेवा वितरण और लोगों की पहुंच के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है।’’

उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने 150 से अधिक देशों को दवाइयां और टीके भेजे और इथियोपिया को 40 लाख से अधिक टीकों की खुराक देने पर भारत को गर्व है।

मोदी ने इथियोपिया को मानव इतिहास की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक बताया।

संसद को संबोधित करने के बाद उनके सम्मान में लंबे समय तक तालियां बजती रहीं।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि इथियोपियाई संसद को संबोधित करना उनके लिए ‘‘बहुत बड़ा सम्मान और सौभाग्य’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘इथियोपिया का समृद्ध इतिहास, संस्कृति और आत्मा गहरे सम्मान और प्रशंसा की प्रेरणा देती है। मैंने साझा मूल्यों, पारस्परिक विश्वास और शांति, विकास व सहयोग की साझा दृष्टि से निर्देशित हमारी साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।’’

अपने भाषण में मोदी ने कहा कि शेरों की धरती इथियोपिया में होना ‘‘अद्भुत’’ अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यहां बिल्कुल अपने घर जैसा महसूस हो रहा है क्योंकि भारत में मेरा गृह राज्य गुजरात भी शेरों की भूमि है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल मुझे ‘ग्रेट ऑनर निशां ऑफ इथियोपिया’ से भी सम्मानित किया गया। मैं यह पुरस्कार भारत की जनता की ओर से हाथ जोड़कर और विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं।’’

मोदी इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष हैं।

इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अदवा विजय स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह स्मारक इथियोपिया के साहस, एकता और अडिग आत्मा का शक्तिशाली प्रतीक है। यह दुनिया को उस गौरवशाली राष्ट्र की याद दिलाता है जिसने दृढ़ संकल्प और संकल्पशक्ति के साथ स्वयं की रक्षा की।’’

मोदी तीन देशों की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। वह मंगलवार को जॉर्डन से यहां पहुंचे थे और यहां से ओमान के लिए रवाना होंगे।

 

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