सेबेस्टियन को को उम्मीद, राष्ट्रमंडल खेलों से भारत की छिपी हुई क्षमता सामने आएगी

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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) विश्व एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन को ने भारत को बेहद क्षमता वाला बाजार करार देते हुए कहा कि 2030 में अहमदाबाद में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल देश में ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

को ने यह टिप्पणी इस बात की पुष्टि करते हुए की कि ग्लासगो में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम में शामिल मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले और मील दौड़ 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा भी बने रहेंगे।

मील दौड़ को इससे पहले आखिरी बार 1966 के राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था। वह ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में 1500 मीटर स्पर्धा की जगह लेगी। को ने कहा कि एथलेटिक्स के दृष्टिकोण से राष्ट्रमंडल खेल बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है।

को ने बुधवार को एक वर्चुअल मीडिया बातचीत के दौरान कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों में ट्रैक एवं फील्ड की स्पर्धाओं में पदक जीतना बहुत मुश्किल होता है। अगर आपको इन खेलों में पदक हासिल करना है तो आपको अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा क्योंकि आपका सामना कीनिया जैसे मजबूत देश से होता है। अगर आपको फर्राटा दौड़ को जीतना है तो आपको जमैका, ब्रिटेन और कनाडा की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए यह बेहद कड़ी प्रतियोगिता बन जाती है। ट्रैक एवं फील्ड में हमेशा इस प्रतियोगिता में बेहद कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है।’’

ओलंपिक में 1980 और 1984 में स्वर्ण पदक जीतने वाले को ने कहा कि 2030 के राष्ट्रमंडल खेल भारत में ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। इसमें अपार संभावनाएं हैं। नीरज चोपड़ा के कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शनों के कारण भारत में ट्रैक एंड फील्ड की लोकप्रियता बढ़ रही है। इस तरह के तेजी से बढ़ते बाजार में प्रतियोगिताओं का आयोजन करना वास्तव में महत्वपूर्ण है। हमने भारतीय महासंघ और कुछ व्यावसायिक भागीदारों के साथ भी इस पर लंबी चर्चा की है।’’

को ने कहा, ‘‘2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल निश्चित रूप से खासकर ट्रैक खेलों को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। एथलेटिक्स राष्ट्रमंडल खेलों के नए प्रमुख खेलों में से एक है।’’

उन्होंने कहा कि विश्व एथलेटिक्स भारत में और अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करने का इच्छुक है। भारत ने 2028 की अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए बोली लगाई है। इसके अलावा उसने 2029 और 2031 की सीनियर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी हासिल करने के लिए बोली लगाई है।

एक मील की दौड़ (लगभग 1600 मीटर) और चार गुणा 400 मीटर रिले के बारे में को ने कहा कि इन दोनों स्पर्धाओं को राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम में स्थायी रूप से शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।

को ने पीटीआई के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मील दौड़ को शामिल करने का कारण यह है कि मुझे लगता है कि यह इतिहास और परंपरा के प्रति एक सम्मान है और इससे खेलों में एक नई चीज भी जुड़ जाएगी।’’

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