मेलबर्न, फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक मनालो ने सोमवार को पड़ोसी देशों से दक्षिण चीन सागर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिक मजबूती से एकजुट होने का आग्रह किया।
मनालो ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन के इतर समुद्री सहयोग संबंधी एक मंच में यह टिप्पणी की। इस सम्मेलन में चीन के तेजी से बढ़ते आक्रामक कदमों पर प्रमुखता से चर्चा की गयी।
मनालो ने नीदरलैंड के द हेग में स्थित मध्यस्थता अदालत के 2016 में दिए फैसले में चीन पर फिलीपीन की जीत का उल्लेख किया। मध्यस्थता अदालत ने दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक क्षेत्रीय दावों को अमान्य करार दे दिया था। चीन ने इस फैसले को स्वीकार नहीं किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में समुद्रों और महासागरों का साझा प्रबंधन हमें अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रधानता को बनाए रखने के लिए एकजुट होने को बाध्य करता है ताकि हम सभी के लिए न्यायसंगत और स्थायी परिणाम सुनिश्चित कर सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमसे अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत या असंगत कार्यों का विरोध करने के लिए मजबूती से एक साथ खड़े होने का भी आह्वान करता है।’’
मनालो ने क्षेत्रीय पड़ोसियों से बल प्रयोग खतरे को लेकर कूटनीति एवं टकराव की स्थिति में सहयोग बनाए रखने का आह्वान किया।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने मनालो की टिप्पणियों का समर्थन करते हुए कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के नौ सदस्य देशों को ‘‘स्वीकृत नियमों की रक्षा करने, अंतरराष्ट्रीय कानून को बरकरार रखने, टकराव को रोकने तथा कूटनीतिक विश्वास बनाए रखने’’ की आवश्यकता है।
उन्होंने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्य से क्षेत्र में अपनी समुद्री भागीदारी को बढ़ाने पर 2.6 करोड़ डॉलर खर्च करेगा।
ऑस्ट्रेलिया और फिलीपीन ने नवंबर में पहली बार दक्षिण चीन सागर में संयुक्त समुद्री और हवाई गश्त की थी।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दिसंबर में मनालो से कहा था कि चीन दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन पर सैन्य दबाव बनाए रखेगा।
चीन नौवहन के लिए दुनिया के सबसे अहम जलमार्गों में से एक पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुत्ता का दावा करता है। इसे लेकर उसका फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रूनेई से विवाद चल रहा है।