मुंबई, शिवसेना (यूबीटी) ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को कमजोर करने की उसकी नीति चल नहीं पाएगी।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें धन शोधन के आरोपों का सामना कर चुके कृपाशंकर सिंह का नाम भी शामिल है।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सूची में नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेताओं का नाम नहीं होने पर आश्चर्य जताया।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री गडकरी के साथ किए गए काम को याद किया, जिन्होंने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई परियोजना मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को तेजी से पूरा करने में सहयोग दिया था।
भाजपा ने महाराष्ट्र की 48 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा अभी नहीं की है।
भाजपा ने सिंह को उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। सिंह कांग्रेस की मुंबई इकाई के प्रमुख और गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार द्वारा निरस्त किये जाने के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख से असहमति जताने के बाद 2019 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। बाद में 2021 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे।
सिंह ने ठाकरे की टिप्पणियों को खारिज कर दिया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं ऐसे व्यक्ति की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लेता, जिसकी अपनी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है और जो मुख्यमंत्री के रूप में अपने ढाई साल के कार्यकाल में ढाई दिन के लिए भी कार्यालय नहीं पहुंचे हों।”
ठाकरे ने सीधे तौर पर भाजपा या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘विपक्षी दलों को खत्म करने की राजनीति चल नहीं पाएगी… ‘जुमला’ का नाम बदलकर ‘गारंटी’ कर दिया जाना चाहिए।’’