भाजपा की पहली सूची जारी, मोदी फिर वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे, चार मंत्रियों के टिकट कटे

नयी दिल्ली,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इस सूची में 34 केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं जबकि चार मंत्रियों के टिकट काट दिए गए है।

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का टिकट काटकर उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्यमंत्री जॉन बारला की जगह अलीपुरद्वार से विधायक मनोज तिग्गा को पार्टी ने टिकट दिया है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली का डिब्रूगढ़ से टिकट काट दिया गया है और उनकी जगह केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। सोनोवाल वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं।

इस सूची में दो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विप्लब देब के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी नाम शामिल है। बिरला एक बार फिर कोटा से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। चौहान विदिशा से जबकि देब त्रिपुरा पश्चिम सीट से चुनाव लड़ेंगे।

त्रिपुरा पश्चिम से केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक का टिकट काटकर देब को उम्मीदवार बनाया गया है। इस प्रकार पार्टी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को टिकट नहीं दिया है।

पार्टी की पहली सूची में 28 महिलाएं और 47 युवा शामिल हैं जबकि 27 उम्मीदवार अनुसूचित जाति से, 18 अनुसूचित जनजाति से और 57 अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।

सूची में उत्तर प्रदेश की 51 सीट, पश्चिम बंगाल की 20, मध्य प्रदेश की 24, गुजरात और राजस्थान की 15-15 सीट, केरल और तेलंगाना की 12-12 सीट, झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम की 11 सीट तथा दिल्ली की पांच सीट सहित कुछ अन्य प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के उम्मीदवार की घोषणा की गई है।

दिल्ली की सूची सबसे अधिक चौंकाने वाली रही। पार्टी ने लेखी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश विधूड़ी, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे एवं पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के टिकट काट दिए हैं। बिधूड़ी ने पिछले दिनों संसद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। पार्टी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी को फिर से टिकट दिया है।

रमेश बिधूड़ी की जगह दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूडी, हर्षवर्धन की जगह व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल, प्रवेश वर्मा की जगह महिला नेता कमलजीत सेहरावत को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

इन 195 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की सूची में लगभग 155 सीट वे हैं जो पार्टी ने 2019 के चुनावों में जीती थीं। इस सूची में, पार्टी ने अपने 20 प्रतिशत से अधिक सांसदों को हटा दिया है।

सात मंत्री, जो राज्यसभा के सदस्य हैं या जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है, उन्हें लोकसभा के चुनाव मैदान में उतारा गया है।

सूची के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर केरल के तिरुवनंतपुरम से, सर्बानंद सोनोवाल असम की डिब्रूगढ़ सीट से, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू अरुणाचल पूर्व से, भूपेंद्र यादव राजस्थान के अलवर से, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के गुना से, संजीव बालियान मुजफ्फरनगर और स्मृति ईरानी अमेठी से चुनाव लड़ेंगी।

भाजपा ने जिन अन्य केंद्रीय मंत्रियों की उम्मीदवारी की घोषणा की है उनमें परषोत्तम रुपाला (राजकोट), मनसुख मांडविया (पोरबंदर), देवुसिंह चौहान (खेड़ा), अर्जुन राम मेघवाल (बीकानेर), गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर) कैलाश चौधरी (बाड़मेर), जितेंद्र सिंह (उधमपुर), अन्नपूर्णा देवी (कोडरमा), अर्जुन मुंडा (खूंटी), वी मुरलीधरन (अट्टिंगल), वीरेंद्र खटीक (टीकमगढ़), फग्गन सिंह कुलस्ते (मंडला), जी किशन रेड्डी (सिकंदराबाद), सत्यपाल सिंह बघेल (आगरा), अजय मिश्रा ‘टेनी’ (खीरी), कौशल किशोर (मोहनलालगंज), भानु प्रताप वर्मा (जालौन), साध्वी निरंजन ज्योति (फतेहपुर), पंकज चौधरी (महाराजगंज), निसिथ प्रामाणिक (कूचबिहार), शांतनु ठाकुर (बनगांव) और सुभाष सरकार (बांकुड़ा) के नाम शामिल हैं।

इस सूची में दो पूर्व मंत्रियों पी पी चौधरी (पाली-राजस्थान) और जसवंत सिंह भाभोर (दाहोद-गुजरात) के भी नाम शामिल हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से उम्मीवार होंगे, जबकि भोपाल से मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काटकर पार्टी ने आलोक शर्मा को वहां से उम्मीदवार बनाया है। ठाकुर विवादित बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रही हैं। एक बार तो उनके बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने यहां तक कह दिया था कि वह कभी उन्हें दिल से माफ नहीं करेंगे।

पार्टी ने राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे को छत्तीसगढ़ की कोरबा सीट से टिकट दिया है, जबकि राज्य सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। मथुरा से एक बार फिर पार्टी ने हेमा मालिनी पर भरोसा जताया है।

सूची में कुछ चौंकाने वाले नाम भी हैं। पार्टी ने राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र के पुत्र साकेत मिश्र को श्रावस्ती से उम्मीदवार बनाया है। साकेत पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार भी हैं।

इस सूची में एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार अब्दुल सलाम हैं, जिन्हें केरल की मल्लपुरम से उम्मीदवार बनाया गया है।

पिछले दिनों बसपा छोड़ने वाले रितेश पांडे को आंबेडकरनगर से जबकि भोजपुरी फिल्मों के स्टार कलाकार पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से मैदान में उतारा है। आसनसोल से वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा सांसद हैं। ऐसे में यहां दो भोजपुरी कलाकारों के बीच मुकाबला होने की उम्मीद है। भाजपा ने जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया है। वह पहले कांग्रेस में थे और महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय थे। वह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं।

पार्टी ने झारखंड की गोड्डा सीट से निशिकांत दुबे, दुमका से सुनील सोरेन, रांची से संजय सेठ और जमशेदपुर से विद्युत बरण महतो को उम्मीदवार बनाया गया है। पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुई कांग्रेस नेता गीता कोड़ा को सिंहभूम से टिकट दिया है। वह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं।

केरल की त्रिसूर सीट से फिल्म अभिनेता सुरेश गोपी को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को पत्तनमतिट्टा से टिकट दिया गया है।

पिछले दिनों भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर मैराथन मंथन किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी भी इस बैठक में शरीक हुए थे। इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, शाह, संगठन महासचिव बी एल संतोष ने विभिन्न राज्यों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कर उम्मीदवारों के नामों पर विमर्श किया था।

अभी तक लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी ने इससे पहले ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पिछले चरण के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने यही रणनीति अपनाई थी और बहुत हद तक यह कारगर भी रही थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2014 में वाराणसी और वड़ोदरा से चुनाव लड़कर दोनों जगहों से जीत हासिल की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने वड़ोदरा सीट छोड़ दी थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने वाराणसी से 4,79,505 मतों से जीत दर्ज की थी। साल 2014 में उन्होंने वाराणसी से 3,71,784 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

शाह ने 2019 में पहली बार गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़कर 5,57,014 मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी। राजनाथ सिंह 2014 से संसद में लखनऊ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इससे पहले, वह गाजियाबाद से भी लोकसभा सदस्य रह चुके हैं।

पहली सूची जारी होने से पहले ही पूर्वी दिल्ली से सांसद एवं पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करके बताया कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से चुनावी राजनीति से खुद को दूर रखने का अनुरोध किया है।

सूची जारी करते हुए तावड़े ने कहा कि पार्टी को विश्वास है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बड़े जनादेश के साथ वह तीसरी बार सरकार बनाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी विभिन्न राज्यों में अपने पैर पसारने और उसे और मजबूत करने तथा सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।

मोदी ने भाजपा के लिए इस लोकसभा चुनाव में अपने दम पर कम से कम 370 सीट जीतने और राजग के लिए 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

निर्वाचन आयोग द्वारा इस महीने के अंत में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है और चुनाव अप्रैल-मई में होने की संभावना है।

भाजपा ने 2019 के चुनावों में 303 सीटें जीतीं, लेकिन वर्तमान में लोकसभा में इसके 290 सदस्य हैं, जिनमें से कुछ सांसदों ने हाल ही में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था।