तेंदुओं के हमले कम करने के लिए जंगल में बकरियां छोड़ने का सुझाव हास्यास्पद: अजित पवार

0
dewdscw

नागपुर, 13 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के वन मंत्री के इस बयान को शनिवार को हास्यास्पद बताया कि मानव बस्तियों से तेंदुओं को दूर रखने के लिए जंगलों में बकरियां छोड़ी जानी चाहिए।

पवार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि फिर तो तेंदुओं के अलावा, ग्रामीण भी इस शिकार का आनंद उठाया करेंगे।

पवार ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह बात कही और बताया कि यह विचार संभवतः वन विभाग का होगा।

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “तेंदुओं के बजाय ग्रामीण भी जंगल में छोड़ी गई बकरियों को शिकार करेंगे।”

महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाइक ने सुझाव दिया था कि वन अधिकारी जंगलों में बड़ी संख्या में बकरियां छोड़ें ताकि तेंदुए शिकार की तलाश में मानव बस्तियों में प्रवेश न करें।

मंत्री ने कहा था, “अगर तेंदुओं के हमलों में चार लोग मारे जाते हैं, तो राज्य को एक करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देना पड़ता है इसलिए मैंने अधिकारियों से कहा कि मौत के बाद मुआवजा देने के बजाय एक करोड़ रुपये की बकरियां जंगल में छोड़ दी जाएं, ताकि तेंदुओं को मानव बस्तियों में आने की आवश्यकता न पड़े।”

जब सरकार से तेंदुओं से जुड़े बढ़ते मामलों से निपटने की योजना के बारे में पूछा गया, तो पवार ने कहा कि तेंदुए महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से गन्ने की खेती वाले इलाकों में प्रजनन करते और रहते हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार ने वनतारा चिड़ियाघर से भी जानकारी ली थी, जिसने कहा कि वह केवल 50 तेंदुओं को ही संभाल सकता है।

पवार ने कहा, “मैंने सुना है कि महाराष्ट्र में लगभग 2,000 तेंदुए हैं। ऐसी स्थिति में हमें अन्य उपायों पर भी विचार करना होगा।”

उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा बचाव केंद्र की क्षमता बढ़ाने और इस समस्या से निपटने के लिए नए केंद्र स्थापित करने पर काम कर रही है।

राज्य वन विभाग के अनुसार, अहिल्यानगर, पुणे और नासिक जिले तेंदुओं से संबंधित सबसे अधिक मामले सामने आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *