बेलगावी (कर्नाटक), 12 दिसम्बर (भाषा) कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने शुक्रवार को बताया कि बाढ़ और बारिश से प्रभावित 44,208 किसान अब तक फसल नुकसान का मुआवजा नहीं पा सके हैं। उन्होंने इसके लिए सरकारी अभिलेखों में तकनीकी विसंगतियों, खासकर नामों के मिलान न होने, को मुख्य कारण बताया।
यह जानकारी उन्होंने विधान परिषद में सदस्य तिप्पन्नप्पा कमकनूर द्वारा उठाए गए उस प्रश्न के जवाब में दी, जिसमें दावा किया गया था कि कलबुर्गी जिले के कई प्रभावित लोगों को अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला है।
मंत्री ने माना कि कई किसानों को राहत नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “लगभग तीन प्रतिशत किसान मुआवजा नहीं पा सके। कारण यह है कि उनके आधार कार्ड में दर्ज नाम कृषि विभाग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते।”
उन्होंने बताया कि 44,208 किसानों को इसी कारण भुगतान नहीं हो पाया।
गौड़ा ने कहा, ‘‘जैसे ही किसान इन त्रुटियों को ठीक कर लेंगे, पैसा उनके बैंक खातों में जमा कर दिया जाएगा। हमने भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन कुछ सुधार आवश्यक हैं।’’
उन्होंने किसानों से नाम की विसंगतियों को दूर करने और आधार को बैंक खातों से जोड़ने की अपील की।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर 14.21 लाख किसान प्रभावित हुए हैं और एसडीआरएफ के तहत 1,216 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा सरकार ने 1,033 करोड़ रुपये अतिरिक्त राहत दी है। कुल मिलाकर किसानों को 2,249 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
गौड़ा ने कहा कि फसल के अलावा अन्य नुकसान के लिए भी मुआवजा दिया गया है।
उन्होंने बताया, ‘‘पशुधन के नुकसान पर 1.99 करोड़ रुपये, मकानों को हुए नुकसान पर 40.86 करोड़ रुपये और मामूली क्षति पर 5.79 करोड़ रुपये दिए गए हैं।’’
मंत्री ने कहा कि इस मानसून में फसल नुकसान, जनहानि, पशुधन और मकानों को हुए नुकसान के लिए कर्नाटक सरकार अब तक कुल 2,300 करोड़ रुपये की राहत दे चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार फसल बीमा पर काम कर रही है और बीमा राशि जल्द जारी की जाएगी।