अब मंत्रिपद स्वीकार नहीं करूंगा: राजेंद्र राणा

हमीरपुर/शिमला, हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलों के बीच, सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने रविवार को कहा कि वह अब कोई भी मंत्रिपद स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के “मतदाताओं का अपमान” बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को 2017 के विधानसभा चुनाव में हरा चुके राणा ने रविवार को सुजानपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरे मतदाताओं ने मुझसे कहा कि आप जहां रहेंगे, हम आपके साथ हैं और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’

राणा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले साल पांच मार्च को होली मेले के दौरान सुजानपुर के लिए कई घोषणाएं की थीं, लेकिन उनमें से केवल दो ही पूरी हो पाई हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें कैबिनेट में शामिल करने की बात चल रही है, लेकिन सुजानपुर की जनता झूठ स्वीकार करने को तैयार नहीं है और अब मंत्री बनने का सवाल ही नहीं उठता।

राणा ने कहा कि उनका नाम पहले मंत्रियों की सूची से हटा दिया गया था और कहा कि सवाल उनका नहीं बल्कि उन लोगों के सम्मान का है जिन्होंने कांग्रेस को वोट देकर हिमाचल प्रदेश की राजनीति बदली।

राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि 14 महीने बीत चुके हैं और मंत्रिमंडल का कई बार विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं मंत्रिमंडल में कोई भी जगह स्वीकार नहीं करूंगा।”

राणा विभिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित हुए अभ्यर्थियों के परिणाम शीघ्र घोषित करने की वकालत करते रहे हैं जिनमें कनिष्ठ कार्यालय सहायक (सूचना प्रौद्योगिकी), सचिवालय क्लर्क और ड्राइंग मास्टर्स की परीक्षाएं शामिल हैं।

पूर्व में मुख्यमंत्री को दो पत्र भेज चुके कांग्रेस नेता राणा ने कहा कि सरकार बनने के 14 महीने बाद भी युवा अभी भी नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र फेसबुक पर भी साझा किए गए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लोगों, विशेषकर नौकरी के आकांक्षी युवाओं की भावनाओं को समझने की जरूरत है और उनके प्रति जवाबदेह होना चाहिए और कुछ लोगों के भ्रष्टाचार के लिए पूरे युवाओं को दंडित नहीं किया जा सकता।’’

उन्होंने लगभग 5,000 युवाओं के लिए नौकरी की भी मांग की, जो विभिन्न विभागों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।