नयी दिल्ली, दस दिसंबर (भाषा) मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या को अब भी न समझ पाने और इसे सामाजिक धब्बा मानने की प्रवृत्ति के चलते इस समस्या को जाहिर करते में हिचकिचाहट होने का दावा करते हुए भारतीय जनता पार्टी की रेखा शर्मा ने कहा कि अगर समय रहते इलाज हो जाए तो मानसिक समस्या से निदान संभव है।
राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए रेखा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या नयी नहीं है, यह पुरानी समस्या है लेकिन जागरुकता के चलते लोग अब इस बारे में बोलने लगे हैं।
रेखा ने कहा ‘‘ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर हिचकिचाहट दूर होना जरूरी है क्योंकि इस विषय के गंभीर होने के बावजूद, इस पर खुल कर बात नहीं की जाती। लोगों में इस संबंध में जागरुकता तो आई है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
भाजपा सदस्य ने वह कारण गिनाए जिनकी वजह से मानसिक स्वास्थ्य की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा ‘‘महिलाएं और काफी हद तक पुरुष भी इस समस्या के बारे में मुखर हो कर बोलने से बचते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि देश में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या बढ़ रही है लेकिन इसके विशेषज्ञों की कमी है। उन्होंने कहा कि यह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है बल्कि समय रहते इलाज कराने से इससे मुक्ति संभव है।
भाजपा के अमरपाल मौर्य ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि जले में 70 फीसदी लोग खेती करते हैं और यहां सनई पर शोध का एकमात्र केंद्र है। ‘‘इस केंद्र से सनई की छह उन्नत प्रजातियां विकसित की गई हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘प्रतापगढ़ में आंवला का उत्पादन बहुतायत में होता है।’’
मौर्य ने प्रतापगढ़ में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि जिले को ऐसे विश्वविद्यालय की बहुत जरूरत है क्योंकि इससे किसानों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना होने के बाद आंवले के उत्पादन, प्रसंस्करण, संसाधन से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
राजद के मनोज कुमार झा ने कौशल युक्त मजदूरों के लिए समान मजदूरी तय की मांग करते हुए कहा कि असमान मजदूरी की वजह से पलायन होता है और बिहार जैसे राज्यों से पलायन की दर अधिक है। उन्होंने कहा ‘‘इसका बड़ा कारण यह है कि राज्य में मजदूरी दर अन्य राज्यों की तुलना में कम है।
आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल ने दावा किया कि आज पंजाब पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, वहां की व्यवस्था बदहाल है और नदियों से खुलेआम अवैध रेत खनन जारी है। उन्होंने कहा कि रेत निकाले जाने के कारण खेतों की जमीन कमजोर हो रही है।
इसी पार्टी के डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की पीठ की मांग उठाते हुए कहा ‘‘यह राज्य के लोगों की बरसों पुरानी मांग है। अगर आबादी के लिहाज से देखें तो राज्य में उच्च न्यायालय की चार पीठ स्थापित की जानी चाहिए।
भाजपा के ही धनंजय भीमराव महादिक और एमएनएफ सदस्य के वेंलेल्वना ने भी शून्यकाल में अपने अपने मुद्दे उठाए।