कोलकाता, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने शनिवार को दूसरे दिन पश्चिम बंगाल के संदेशखालि का दौरा किया।
मिनाक्षी मुखोपाध्याय के नेतृत्व में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में संघर्ष प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। पुलिस क्षेत्र की गश्त कर रही है और वहां शांति है।
मुखोपाध्याय पार्टी नेता पलाश दास के साथ कई घरों में गईं और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने भी इलाके का दौरा किया।
इसबीच भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संदेशखालि के हालात की तुलना नंदीग्राम से की जहां 2007-08 में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के‘‘जबरन’’ भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन से तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आई थी।
उन्होंने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा,‘‘ संदेशखालि के हालात नंदीग्राम की तरह ही हैं…..लोगों ने भूमि पर कब्जे, यौन उत्पीड़न और इलाके में लोकतंत्र की हत्या समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।’’
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्यों ने भी क्षेत्र का दौरा किया।
पुलिस महानिदेशक ने भी ग्रामीणों में विश्वास पैदा करने के प्रयास के तहत दो बार क्षेत्र का दौरा किया है।