कोलकाता, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व में हो रहे अत्याचारों और यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
इलाके में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए मंगलवार को भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी आज संदेशखालि जाने वाले हैं। अधिकारी को पहले दो बार क्षेत्र का दौरा करने से रोक दिया गया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारी को संदेशखालि जाने की अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता को अशांत क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया।
अधिकारी ने कहा, ‘मैं वहां जाना चाहता हूं और स्थानीय लोगों से बात करना चाहता हूं। मैं वहां के लोगों के साथ खड़ा रहना चाहता हूं।’
संदेशखालि में घटनाक्रम की कवरेज के लिये एक बंगाली समाचार चैनल के एक पत्रकार को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि पत्रकार को एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता प्रेस क्लब ने गिरफ्तारी की निंदा की है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को संदेशखालि में अशांति के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
सत्तारूढ़ टीएमसी ने इसपर पलटवार करते हुए आयोग पर भाजपा के मुद्दे को दोहराने का आरोप लगाया।
संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।