बिहार की जीविका दीदी दूसरे राज्यों में दे रहीं प्रशिक्षण: श्रवण कुमार

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पटना, पांच दिसंबर (भाषा) बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि आज राज्य की जीविका दीदी उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, असम और राजस्थान जैसे राज्यों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं जो दर्शाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

वह विधानसभा में द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे थे।

मंत्री ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ शुरू की है, जिसका क्रियान्वयन जीविका द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को उसकी पसंद के रोजगार हेतु 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है और रोजगार शुरू करने के बाद महिलाओं को आवश्यकता अनुसार दो लाख रुपये तक अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।

कुमार ने कहा कि इस योजना से महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ ही परिवार की आय बढ़ेगी और जीवन स्तर में सुधार होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए गांव से लेकर शहर तक हाट-बाजार विकसित किए जा रहे हैं। अब तक 1.56 करोड़ से अधिक महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता दी जा चुकी है।’’

कुमार ने कहा, ‘‘आज बिहार की जीविका दीदी उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, असम और राजस्थान जैसे राज्यों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। लखपति दीदी पहल के तहत जीविका ने विभिन्न स्थायी जीविकोपार्जन गतिविधियों में महिलाओं को प्रशिक्षित किया है और वर्तमान में 31 लाख 71 हजार जीविका दीदियों को लखपति घोषित किया जा चुका है।’’

ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि विश्व बैंक के 2016 के अध्ययन के अनुसार परियोजना के प्रभाव से परिवारों की आय में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वार्षिक आय 35,968 रुपये से बढ़कर 46,758 रुपये हो गई और परिवारों का कर्ज 50 प्रतिशत से घटकर सात प्रतिशत रह गया।

मंत्री ने कहा कि 2006 में मात्र छह प्रखंडों से शुरू हुए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की संख्या आज ग्रामीण क्षेत्र में 11.03 लाख और शहरी क्षेत्र में 41,477 हो गई है। वित्त वर्ष 2025-26 में 45,064 नए समूहों का गठन किया गया है ऐसे में कुल 1.40 करोड़ से अधिक परिवार एसएचजी से जुड़े हैं।

कुमार ने बताया कि विभिन्न बैंकों ने 10.49 लाख स्वयं सहायता समूहों के बचत खाते खोले हैं और 59,250 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया है। ग्राहक सेवा केंद्र खोलने की योजना के तहत 6,443 बैंक सखियों को प्रशिक्षित कर सीएसपी संचालित कराए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 91.12 लाख सदस्यों का जीवन बीमा कराया गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में करीब एक लाख समूहों को 4,504 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया है। महिलाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ का गठन किया गया है।

मंत्री ने बताया कि भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) कोलकाता के सहयोग से 150 जीविका दीदी को उद्यम विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के साथ अभिसरण कर 288 ‘जीविका दीदी की रसोई’ चलाई जा रही हैं। वित्त वर्ष 2025-26 में 89 नई रसोइयां स्थापित की गई हैं।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत 42 सदस्यों को उद्यमी के रूप में चयनित कर मुजफ्फरपुर में बैग क्लस्टर विकसित किया गया है, जिसके तहत अब तक 29 लाख बैग का निर्माण हो चुका है।

वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने द्वितीय अनुपूरक बजट के जवाब में कहा कि अनुपूरक बजट संवैधानिक प्रावधान है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कभी राज्य का बजट 26 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था, जबकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह बढ़कर 3.17 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

यादव ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि यदि नीतीश कुमार जैसा ईमान हो, तो सभी वादों को पूरा करना संभव है।

विधानसभा ने 91,717 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनि मत से पास कर दिया।

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