आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भारतीय स्वास्थ्य सेवा का एक प्रमुख संस्थान है और यह एक महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में। एम्स की स्थापना 1956 में हुई थी और तब से यह संस्थान स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में देश भर में छह एम्स स्वास्थ्य के क्षेत्र में देशवासियों को बेहतर सुविधा देने और कम खर्च में उचित इलाज के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। तमाम स्वास्थ्य योजनाओं से लेकर एम्स की संख्या में भी बढ़ा रही है। ऐसे में देश में अगले सात दिन में पांच एम्स की सौगात मिलने वाली है। भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। यहां पर नवीनतम चिकित्सा तंत्र, उपकरण, और उत्पादन तकनीक का उपयोग किया जाता है। एम्स छात्रों को उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। इससे भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में नए और योग्य चिकित्सा पेशेवरों का प्रवाह होता है।
एम्स एक विशेषज्ञ चिकित्सा संस्थान है जो उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। यहां प्रतिवर्ष लाखों रोगी चिकित्सा और सहायक सेवाओं का लाभ उठाते हैं। एम्स में अनेक विभाग हैं जो विभिन्न रोगों और स्थितियों के उपचार में नेतृत्व करते हैं, जैसे कि कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, इत्यादि। इस प्रकार, एम्स ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा में अपना अद्वितीय स्थान स्थापित किया है और लाखों लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसका योगदान भारतीय स्वास्थ्य सेवा के विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
पिछले 60 सालों में देश में सिर्फ 6 एम्स थे लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एक साथ पांच एम्स देश को समर्पित किया जा रहा है। 10 हजार करोड़ की लागत से तैयार सभी एम्स देश के स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती प्रदान करेगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अपना योगदान देगी। आगामी 25 फरवरी को देश में पांच एम्स राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनका उद्घाटन करेगें जिसमें राजकोट एम्स (गुजरात), मंगलगीरी एम्स (आंध्रप्रदेश), रायबरेली एम्स (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) एम्स और भटिंडा एम्स शामिल है। इन सभी एम्स को विकसित करने में केन्द्र सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। एम्स के शुरू होने से स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर प्रबंधन होगा। एम्स का समाज की स्वास्थ्य सेवाओं में अहम योगदान रहता है। यह सामुदायिक स्वास्थ्य कैंप, जागरूकता प्रोग्राम, और स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करता है।
एम्स न केवल चिकित्सा, शिक्षा, और अनुसंधान में अग्रणी है, बल्कि यह समाज के प्रति भी सार्वजनिक प्रतिबद्धता दिखाता है। यहाँ पर निःस्वार्थ सेवाएं, संबंधित नीतियों का प्रसार, और सामुदायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई पहल किए जाते हैं। इस प्रकार, एम्स भारतीय स्वास्थ्य सेवा में एक अभिन्न स्तंभ है, जो न केवल चिकित्सा की उच्च गुणवत्ता को बनाए रखने में सहायक है बल्कि नई तकनीक और उपायों के अभ्यास के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को सुधारने में भी मदद करता है।
एम्स में पिछले छह महीनों में 29 हजार फैकल्टी की नियुक्तियां की गई हैं। इन एम्स के शुरुआत से देश में स्वास्थ्य सेवा और मजबूत होगी और लाखों लोगों को इससे लाभ मिलेगा। एम्स न केवल चिकित्सा, शिक्षा, और अनुसंधान में अग्रणी है, बल्कि यह समाज के प्रति भी सार्वजनिक प्रतिबद्धता दिखाता है। यहाँ पर निःस्वार्थ सेवाएं, संबंधित नीतियों का प्रसार, और सामुदायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई पहल किए जाते हैं। इस प्रकार, एम्स भारतीय स्वास्थ्य सेवा में एक अभिन्न स्तंभ है, जो न केवल चिकित्सा की उच्च गुणवत्ता को बनाए रखने में सहायक है, बल्कि नई तकनीक और उपायों के अभ्यास के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को सुधारने में भी मदद करता है।
-डा वीरेन्द्र भाटी मंगल