राजकोट, अपने आक्रामक क्रिकेट के दम पर करियर के शुरुआती दौर में ही दो दोहरे शतक जड़ने वाले युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट ‘कठिन’ है, लेकिन वह अच्छी शुरुआत को बड़ा बनाने में विश्वास रखते हैं।
इस वामहस्त बल्लेबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 236 गेंदों में नाबाद 214 रन बनाए। इससे भरत ने चार विकेट पर 430 रन बना कर इंग्लैंड को जीत के लिए 557 रन का विशाल लक्ष्य दिया।
इंग्लैंड की टीम 122 रन पर आउट हो गयी जिससे भारत ने रिकॉर्ड 434 रन से जीत दर्ज की।
वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई 2023 में पदार्पण करने वाले जायसवाल का छठा मैच में यह दूसरा दोहरा शतक था। जायसवाल ने राजकोट टेस्ट में एक टेस्ट पारी में किसी भारतीय द्वारा सबसे अधिक छक्के (12) लगाकर रिकॉर्ड बुक में भी अपना नाम दर्ज कराया।
पांच मैचों की श्रृंखला में भारतीय टीम के 2-1 से बढ़त लेने के बाद जायसवाल ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट कठिन है, लेकिन मैंने सोचा कि जब मैं टीम में हूं तो मुझे अपना 100 प्रतिशत देना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस कोशिश कर रहा हूं। जब भी मैं क्रीज पर थोड़ा समय बिता लेता हूं तो मैं उसे बड़ी पारी में बदलने की कोशिश करता हूं। टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी पारी को बड़े स्कोर में बदलना होता है।’’
जायसवाल ने अपने दोहरे शतक का विश्लेषण करते हुए कहा कि उन्होंने सत्र दर सत्र खेलने की कोशिश की। उन्हें पारी के दौरान पीठ में ऐंठन की समस्या से भी निपटना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए काफी मुश्किल था क्योंकि शुरू में मैं रन नहीं बना पा रहा था। इसलिए सत्र दर सत्र खेलना पड़ा और परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना पड़ा। तभी मुझे लगा कि मैं रन बना सकता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच मेरी पीठ में दर्द शुरू हो गयी। मैं बाहर (मैदान से) नहीं जाना चाहता था लेकिन दर्द काफी बढ़ गया था इसलिए मैं बाहर चला गया। आज जब मैं आया तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं खेल को आगे ले जाऊं और अंत तक बल्लेबाजी करूं।’’
श्रृंखला का चौथा टेस्ट मैच 23 फरवरी से रांची में खेला जायेगा।