अमरावती, चार दिसंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में एक गीगावाट क्षमता का एआई डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए गूगल की कंपनी रैडेन इन्फोटेक इंडिया के ‘अधिसूचित भागीदार’, अदाणी इंफ्रा (इंडिया) प्राइवेट लि. को विशाखापत्तनम और अनकापल्ली जिलों में 480 एकड़ जमीन आवंटित की है।
गूगल की इकाई ने पहले राज्य सरकार को सूचित किया था कि अदाणी इंफ्रा (इंडिया) प्राइवेट लि., अदाणी कॉनेक्स इंडिया प्राइवेट लि., अदाणी पावर इंडिया प्राइवेट लि., भारती एयरटेल लि., नेक्सट्रा डेटा लि. और नेक्सट्रा विजाग लि. (भारती एयरटेल की सहायक कंपनी) ‘अधिसूचित भागीदार’ हैं।
रैडेन ने अनुरोध किया है कि आंध्र प्रदेश औद्योगिक अवसंरचना निगम लिमिटेड (एपीआईआईसी) चिन्हित सभी तीन भूखंडों को प्राथमिक अधिसूचित भागीदार के रूप में अदणी इंफ्रा (इंडिया) को आवंटित कर सकता है। यह सर्वेक्षण पूरा होने पर निर्भर है।
दो दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘सरकार प्रस्ताव की सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद और मंत्रिपरिषद की 28 नवंबर 2025 की बैठक में दी गई मंजूरी के अनुसार विशाखापत्तनम और अनकापल्ली जिलों में 480 एकड़ जमीन मेसर्स अडाणी इंफ्रा (इंडिया) प्राइवेट लि. को हस्तांतरित करने की अनुमति देती है।’’
रैडेन इन्फोटेक इंडिया प्राइवेट लि. आंध्र प्रदेश में 87,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ चरणबद्ध तरीके से डेटा सेंटर स्थापित कर रही है। कंपनी को राज्य सरकार से निर्धारित अवधि में प्रोत्साहन के रूप में 22,000 करोड़ रुपये वापस मिलेंगे।
सरकारी आदेश के अनुसार, रैडेन ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह रैडेन के साथ-साथ अपने अधिसूचित भागीदारों को भी उन सभी प्रोत्साहनों का लाभ उठाने के लिए अधिकृत करे, जिनका वादा मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने डेटा सेंटर परियोजना के लाभ के लिए किया था।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि यह परियोजना उन्हीं सटीक मानकों के अनुसार बनाई जाएगी, जिनसे सर्च, यूट्यूब और वर्कस्पेस जैसी गूगल सेवाएं संचालित होती हैं।
डेटा सेंटर की क्षमता आमतौर पर उसके द्वारा खपत की जाने वाली बिजली से मापी जाती है। विशाखापत्तनम में नियोजित एक गीगावाट (पूर्ण क्षमता संचालन पर 1000 मेगावाट बिजली की खपत) सुविधा से मुंबई की वार्षिक खपत के लगभग 50 प्रतिशत के बराबर बिजली का उपयोग होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री नायडू ने हाल ही में कहा था कि हालांकि गूगल ने पहले 10 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन यह बढ़कर 15 अरब डॉलर हो गया है।