नयी दिल्ली, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नियामकीय कार्रवाई ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों का ध्यान कानून के अनुपालन के महत्व की ओर खींचा है।
चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि नियामकीय अनुपालन कंपनियों के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं हो सकता, बल्कि यह एक ऐसा पहलू है जिसपर प्रत्येक उद्यमी को पूरा ध्यान देना चाहिए।
चंद्रशेखर ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘पेटीएम पेमेंट्स बैंक का मुद्दा एक ऐसा मामला है जहां एक आक्रामक उद्यमी नियामकीय अनुपालन की जरूरत को महसूस करने में विफल रहा है, और कोई भी कंपनी अनुपालन से बच नहीं सकती है।’’ पेटीएम पेमेंट्स बैंक संकट के बीच मंत्री ने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल को 15 मार्च से नई जमा स्वीकार करने से रोक दिया है, और कंपनी के खिलाफ अपनी कार्रवाई की किसी भी समीक्षा से इनकार कर दिया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि यह धारणा कि पीपीबीएल पर आरबीआई की कार्रवाई ने फिनटेक क्षेत्र को परेशान कर दिया है, इसका सही चित्रण नहीं है। राजनीतिज्ञों, उद्यमियों और प्रौद्योगिकी दिग्गज इस बात से सहमत नहीं है कि पेटीएम बैंक मुद्दे ने पूरे फिनटेक उद्योग के लिए चिंता बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह धारणा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक की कार्रवाई ने फिनटेक को परेशान कर दिया है…मुझे नहीं लगता कि इसका सही चित्रण है।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसने फिनटेक उद्यमियों का ध्यान इस तथ्य की ओर खींचा है कि आपको यह भी जानना होगा कि कानून का अनुपालन कैसे करना है। नियामकीय अनुपालन दुनिया के किसी भी देश के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं है। निश्चित रूप से भारत में ऐसा नहीं है और उद्यमियों को इसपर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।’’ चन्द्रशेखर ने आगे कहा कि उद्यमी आमतौर पर जो कुछ भी बना रहे हैं, उसपर इतना ध्यान केंद्रित करने लगते हैं कि कभी-कभी वे नियामकों द्वारा निर्धारित नियमों की अनदेखी कर देते हैं।
पीपीबीएल वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का सहयोगी इकाई है।
वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल की चुकता शेयर पूंजी (सीधे और अपनी अनुषंगी कंपनी के माध्यम से) का 49 प्रतिशत हिस्सा है। पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा की बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल के ग्राहकों और दुकानदारों को अपने खाते 15 मार्च तक अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने को कहा है। इसके साथ केंद्रीय बैंक ने संकट में फंसी कंपनी को अपने ज्यादातर परिचालन को बद करने के लिए 15 दिन का और समय दे दिया है।