नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) सरकार के साइबर सुरक्षा ऐप ‘संचार साथी’ के डाउनलोड में मंगलवार को 10 गुना वृद्धि दर्ज की गई। इसका औसत दैनिक डाउनलोड 60,000 से बढ़कर करीब छह लाख हो गया। दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इसे डाउनलोड करने में तेजी ऐसे समय में आई है जब विपक्षी नेताओं और उद्योग विशेषज्ञों के एक वर्ग ने सभी मोबाइल फोन पर ऐप को अनिवार्य रूप से पहले से होने (इंस्टॉल) के दूरसंचार विभाग के आदेश की आलोचना की। उनका आरोप है कि यह एक तरह की ‘‘जासूसी’’ और नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन है।
दूरसंचार विभाग के एक सूत्र ने नाम उगाजर न करने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ‘संचार साथी’ ऐप को जनता से अचानक बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। एक दिन में डाउनलोड की संख्या औसतन 60,000 से 10 गुना बढ़कर करीब छह लाख हो गई।’’
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आदेश जारी होने से पहले ही 1.5 करोड़ लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं।
दूरसंचार विभाग ने मोबाइल उपकरण विनिर्माताओं एवं आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि धोखाधड़ी की सूचना देने वाला उसका ऐप ‘संचार साथी’, सभी नए उपकरणों में पहले से मौजूद हों और मौजूदा उपकरणों पर सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से इसे मुहैया कराया जाए।
विभाग के 28 नवंबर के निर्देश के अनुसार, आदेश जारी होने की तारीख से 90 दिन के बाद भारत में विनिर्मित या आयातित होने वाले सभी मोबाइल फोन में यह ऐप होना अनिवार्य होगा। सभी मोबाइल फोन कंपनियों का 120 दिन के भीतर दूरसंचार विभाग को अनुपालन रिपोर्ट देना आवश्यक है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हालांकि मंगलवार को कहा कि था धोखाधड़ी की सूचना देने वाले ऐप ‘संचार साथी’ को उपयोगकर्ता जब चाहे हटा सकते हैं। उपयोगकर्ता ऐप को रखने या इसे हटाने का निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि यह अनिवार्यता फोन विनिर्माताओं के लिए है उपयोगकर्ताओं के लिए नहीं।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘ …. उपरोक्त आदेश में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि ‘संचार साथी’ ऐप को अंतिम उपयोगकर्ता द्वारा हटाया नहीं जा सकता है। यह नागरिकों पर निर्भर है कि वे ‘संचार साथी’ मोबाइल ऐप को चालू व पंजीकृत करना चाहते हैं या हटाना चाहते हैं।’’
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह ऐप कभी भी माइक्रोफोन, लोकेशन, ब्लूटूथ या ऑपरेटिंग सिस्टम तक पहुंच नहीं स्थापित करता है।
सूत्र ने कहा, ‘‘ संचार साथी ऐप की फोन डेटा तक सीमित पहुंच है। नागरिक धोखाधड़ी की जानकारी देने के प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग अनुमति देते हैं।”