स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है देर रात तक जागना

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 यदि आप भी रात में देर तक जाग कर टीवी या फिर मोबाइल देखने के शौकीन है तो जरा संभल जाइएगा, आपकी यह आदत सिर्फ आपकी सेहत के लिए तो नुकसान दायक है ही साथ ही यह आपकी व्यावसायिक दक्षता को भी प्रभावित कर सकती है।
ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में देखने को मिला है कि जो लोग रात्रि को देर रात तक टीवी एवं मोबाइल देखते रहते हैं वह अक्सर आलसी एवं निकम्मे हो जाते हैं। प्राय: अगले दिन थकावट महसूस करते हैं, अधिकतर डॉक्टरों ने आगाह किया है रात को नींद से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करना चाहिए,  लगभग 25000 लोगों के अध्ययन पर पाया गया जो लोग देर रात तक जागते रहते हैं, वह प्राय: दिनभर अपने आप को थका हुआ महसूस करते हैं और किसी प्रकार का काम करने का जी नहीं करता।
अध्ययन में शामिल लोगों को एक वर्ष तक वुड बेड नाम का एक खास डिवाइस पहनाया गया, इससे उनके सोने और दिन भर में सक्रिय रहने का पूरा डाटा मिल गया। शोधकर्ता डॉक्टर जोश लेआट के अनुसार 60 लाख आदतों का डाटा का विश्लेषण कर देखा गया की शीघ्र सोने और जागने वाले व्यक्ति पर अगले दिन उनकी दिनचर्या पर क्या असर पड़ता है। जिन लोगों ने रोज 9 बजे सोना शुरू किया वह अगले दिन औसतन 30 मिनट ज्यादा सक्रिय रहे, जो लोग देर रात को 12 बजे सोते थे वह बहुत कम सक्रिय दिखाई दिए।
डॉक्टर को यह भी अध्ययन से पता चला कि जो इंसान रोज जितना सोता है उससे पहले सो जाए तो वह अगले दिन सबसे ज्यादा सक्रिय हो जाता है, उनके काम करने की कैपेसिटी भी बढ़ जाती है।
 भारतीय लोगों में देर रात सोने की बुरी आदतें कुछ नौजवानों में देखने को आई है। नौजवान देर रात्रि तक  फिल्में और वेब सीरीज देखने के आदी हो गए हैं। भारत में बड़ी संख्या में लोग टीवी और मोबाइल के बढ़ते उपयोग के कारण देर रात तक जागते रहते हैं और सुबह देरी से उठते हैं नौकरी पेशा लोगों में देर रात तक जागने की बुनियाद  टीवी और मोबाइल के कारण पनपने लगी है। इस रिपोर्ट पर यदि भारतीय अच्छी तरह से ध्यान दे तो उन्हें काफी लाभ मिल सकता है।  
योग को अपना कर भारतीय लोग इन बुरी आदतों से दूर रह सकते हैं। रात को देर तक जागने से पित्त दोष बढ़ता है, जिससे आलस्य ,मोटापा, नींद में कमी और कई अन्य रोग शरीर को घेर लेते हैं। योग और ध्यान की परंपरा में भी शीघ्र सोने और सूर्योदय से पहले उठने को सबसे पवित्र माना जाता है।  वहीं डॉक्टरों का कहना है कि रात्रि का खाना जल्दी खा लेना चाहिए, यदि संभव हो घर की छत पर थोड़ा बहुत घूम लेना चाहिए ताकि थक जाने से गहरी नींद आ सके।
वहीं, महिलाओं को रसोई का काम जल्द निपटाकर जल्द बिस्तर का आसरा लेना चाहिए। ताकि सुबह तरो ताजा महसूस कर सके।
 वहीं समाजसेवी संगठनों का कहना है माता-पिता को बच्चों को समय पर सोने और प्रात: काल उठने के लिए प्रेरित करना चाहिए। माता-पिताओं को बच्चों की पूरी निगरानी करनी चाहिए जहां तक हो सके बच्चों के कमरे में टेलीविजन नहीं लगवाना चाहिए, टेलीविजन आम जगह पर लगा होना चाहिए।  
 रात्रि को माता-पिता को बच्चों के मोबाइल ले लेने चाहिए, समय पर सोना और समय पर जगने से जीवन में नई ऊर्जा मिलती है ,मन खुश रहता है और काम करने को दिल करता है ,जहां तक हो सके सुबह शाम की सैर करने की आदत बनानी चाहिए। हल्का-फुल्का व्यायाम करना चाहिए ताकि मोटापे से बचा जा सके । अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए।

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