जो लोग अपनी दिनचर्या पर ध्यान नहीं देते तथा अनियमित जीवन व्यतीत करते हैं, उनका स्वस्थ रह पाना बहुत कठिन बात है। जो लोग समय के पाबंद रहकर, अपने कामों को तो ठीक से निपटाते हैं, भोजन को भी निश्चित समय पर करते हैं, वे बीमारी से बचे रहते हैं। द्य कभी रात देर तक बैठे या पढ़ते अथवा काम करते रहना तो कभी बहुत जल्दी सो जाना गलत है। अपने कामों का इस प्रकार विभाजन करें कि ठीक समय पर सो सकें। द्य प्रात: सूर्य निकलने से पूर्व उठने की एक पक्की आदत बना लें। देरी तक सोते रहना आप के स्वास्थ्य को तेजी से बिगाड़ता है। द्य भोजन समय पर करें। प्रात: से लेकर रात्रि के भोजन तक, निश्चित समय से आगे-पीछे होना ठीक नहीं। यह पाचन शक्ति को तो बिगाड़ता ही है, स्वास्थ्य का भी ह्रास करता है। द्य कभी नाश्ता लेकर नहाने चले जाना, तो कभी दोपहर का खाना खाकर नहाने के लिए बाथरूम में घुस जाना… अनियमितता है तथा हानिकारक। द्य खाने पीने की आदतें बिगड़ चुकी हैं तो सुधारें। दिन भर पशुओं की तरह तो चरते रहना किन्तु उनकी तरह जुगाली को समय न देना बहुत ही खतरनाक होता है। बार-बार नहीं खाएं। जो खाएं चबा-चबाकर खाएं। वह भी समय पर। द्य कभी उपवास रख लेना, मगर इसे खोलते समय रात को दोगुना खा जाना, बहुत बुरी बात है। द्य बाजार में गुजरते समय कभी पकौड़ी, कभी समोसा, कहीं आईसक्रीम तो कहीं चाय पीना ठीक नहीं, अपने घर पहुंचकर साफ-सुथरा आहार लें, वह भी उचित मात्रा में, ठीक समय पर। नियमित जीवन रखेंगे तो पूर्ण स्वस्थ बने रहेंगे।