विकसित भारत के लिए विकसित राजस्थान का निर्माण बहुत जरूरी: मोदी

pm_modi_news_0-sixteen_nine

जयपुर,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान से जुड़ी 17,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत की विकास परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण और शिलान्यास किया और कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित राजस्थान का निर्माण बहुत जरूरी है।

मोदी ने ‘विकसित भारत-विकसित राजस्थान’ कार्यक्रम को वीडियो कान्फ्रेस के जरिए संबोधित करने से पहले रिमोट दबाकर इन परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। उन्होंने सड़क, रेलवे, सौर ऊर्जा, विद्युत पारेषण, पेयजल तथा पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित राजस्थान का निर्माण बहुत जरूरी है। मोदी ने कहा, “आज राजस्थान के विकास के लिए करीब 17 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये परियोजनाएं रेल, सड़क, सौर ऊर्जा, पानी और रसोई गैस जैसे विकास कार्यक्रमों से जुड़ी हैं। ये परियोजनाएं राजस्थान के हजारों युवाओं को रोजगार देने वाली हैं। मैं इन परियोजनाओं के लिए राजस्थान के सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”

आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री 8-लेन दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट (एनई-4) के तीन ‘पैकेजों’ …बौंली-झालाई रोड से मुई गांव खंड, हरदेवगंज गांव से मेज नदी खंड और तकली से राजस्थान, मध्य प्रदेश सीमा तक के खंड का उद्घाटन किया।

इसके अनुसार ये खंड वन्यजीवों के निर्बाध आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए छलावरण के साथ पशु अंडरपास और पशु ओवरपास से लैस हैं। इसके साथ ही वन्यजीवों पर ध्वनि प्रभाव को कम से कम करने के लिए ध्वनि अवरोधकों का भी प्रावधान किया गया है। इनसे इलाके में तेज और बेहतर संपर्क उपलब्ध होगा।

इसी तरह प्रधानमंत्री ने काया गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-48 के दक्षिणपुर-शामलाजी खंड के साथ देबारी में एनएच-48 के चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग खंड को जोड़ने वाले 6-लेन ग्रीनफील्ड उदयपुर बाईपास का उद्घाटन किया। यह बाईपास उदयपुर शहर की भीड़भाड़ कम करने में सहायक होगा। प्रधानमंत्री ने झुंझुनू, आबू रोड और टोंक जिलों में सड़क आधारभूत अवसंरचना में सुधार की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में रेल अवसंरचना को मजबूत करते हुए लगभग 2,300 करोड़ रुपये की राजस्थान की आठ महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं और उनकी आधारशिला रखी। राष्ट्र को समर्पित की गई इन रेल परियोजनाओं में जोधपुर-रायका बाग-मेड़ता रोड-बीकानेर खंड (277 किलोमीटर), जोधपुर-फलोदी सेक्शन (136 किलोमीटर) और बीकानेर-रतनगढ़-सादुलपुर-रेवाड़ी सेक्शन (375 किलोमीटर) सहित रेल मार्गों के विद्युतीकरण के लिए विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं।

इसी तरह प्रधानमंत्री ने जयपुर के खातीपुरा रेलवे स्टेशन को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस रेलवे स्टेशन को जयपुर के लिए एक ‘सेटेलाइट’ स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है और यह टर्मिनल सुविधा से लैस है जहां ट्रेनें शुरू और समाप्त हो सकती हैं।

प्रधानमंत्री ने भगत की कोठी (जोधपुर) में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की रखरखाव सुविधा, खातीपुरा (जयपुर) में वंदे भारत, एलएचबी आदि सभी प्रकार के रेकों का रखरखाव, हनुमानगढ़ में ट्रेनों के रखरखाव के लिए कोच केयर कॉम्प्लेक्स का निर्माण और बांदीकुई से आगरा फोर्ट रेल लाइन का दोहरीकरण जैसी रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी। रेलवे क्षेत्र की इन परियोजनाओं का उद्देश्य रेल अवसंरचना का आधुनिकीकरण, सुरक्षा उपायों को बढ़ाना, संपर्क सुविधाओं में सुधार करना तथा माल और लोगों की आवाजाही को अधिक कुशलता के साथ सुविधाजनक बनाना है।

इसी तरह प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के एक कदम के रूप में राजस्थान में लगभग 5,300 करोड़ रुपये की कई महत्वपूर्ण सौर परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बीकानेर जिले में बरसिंगसर थर्मल पावर स्टेशन के आसपास स्थापित होने वाली 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना एनएलसीआईएल बरसिंगसर सौर परियोजना की आधारशिला रखी।

मोदी ने केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसयू) योजना चरण-2 (भाग-3) के तहत एनएचपीसी लिमिटेड की 300 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला भी रखी जिसे बीकानेर राजस्थान में विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने बीकानेर, राजस्थान में विकसित 300 मेगावाट की एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड नोखरा सोलर पीवी परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। ये सौर परियोजनाएं हरित ऊर्जा उत्पन्न करेंगी, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को ऑफसेट करने में मदद करेंगी और क्षेत्र के आर्थिक विकास का नेतृत्व करेंगी।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की विद्युत पारेषण क्षेत्र की परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। ये परियोजनाएं राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों से बिजली की निकासी के लिए हैं ताकि इन क्षेत्रों में उत्पादित सौर ऊर्जा को लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सके। साथ ही प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत परियोजनाओं सहित लगभग 2,400 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी जिसका उद्देश्य राजस्थान में स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के लिए अवसंरचना को मजबूत बनाना है।

प्रधानमंत्री ने जोधपुर में इंडियन ऑयल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया। संचालन और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक अवसंरचना और स्वचालन प्रणाली के साथ, इस बॉटलिंग प्लांट से रोजगार सृजन होगा और इस क्षेत्र में लाखों उपभोक्ताओं की एलपीजी जरूरतों को पूरा करेगा।

विज्ञप्ति के अनुसार यह कार्यक्रम राजस्थान के सभी जिलों में लगभग 200 स्थानों पर आयोजित किया गया। मुख्य कार्यक्रम जयपुर में हुआ जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल हुए।