सरकार एसआईआर व चुनाव सुधारों पर चर्चा के खिलाफ नहीं : रीजीजू

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नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को राज्यसभा में जोर दिया कि सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) चुनाव सुधारों पर चर्चा के खिलाफ नहीं है; लेकिन उसे जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाए। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।

रीजीजू ने उच्च सदन में यह टिप्पणी उस समय की जब कांग्रेस नीत विपक्ष एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहा था।

उन्होंने कहा कि सरकार एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर विचार कर रही है और इस मांग को खारिज नहीं किया गया है।

विपक्ष की इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग पर रीजीजू ने कहा कि वह एसआईआर, चुनाव सुधारों पर चर्चा के समय के लिए कोई शर्त नहीं रखे।

उन्होंने कहा कि सरकार एसआईआर, चुनाव सुधारों सहित किसी भी विषय पर चर्चा के खिलाफ नहीं है; लेकिन उसे जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाए।

रीजीजू ने कहा, ‘‘…अगर आप (विपक्ष) शर्त रखते हैं कि इस पर आज ही चर्चा करायी जाए, तो यह मुश्किल है, आपको कुछ जगह समय देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने एसआईआर के अलावा दूसरे मामले भी उठाए हैं और उन्हें भी अपने मुद्दे उठाने का मौका मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘…मैं एक बार फिर कह रहा हूं, यह मामला आप इसे जो भी कहें, एसआईआर या चुनावी सुधार या कुछ और। मैंने शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले कहा था कि सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के खिलाफ नहीं है।

सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस पर चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष ने इस मांग को लेकर सदन में कुछ देर हंगामा भी किया और फिर सदन से बहिर्गमन कर गए।

विपक्ष के नेता खरगे ने मांग की कि एसआईआर पर चर्चा तुरंत शुरू होनी चाहिए। उन्होंने सत्तारूढ़ दल से कहा कि वह विपक्ष को बांटने का प्रयास नहीं करे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मत बांटो। अगर आप हमें बांटने की कोशिश करेंगे, तो हम और मजबूत होंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने चुनाव सुधारों पर तत्काल चर्चा शुरू करने की मांग की। माकपा सदस्य जॉन ब्रिटास सहित ने भी चुनाव सुधारों पर चर्चा कराने की मांग की।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार को ध्यान देना चाहिए कि एसआईआर से जुड़े कितने अधिकारियों की मौत हो गई।

विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बाद सदन में कामकाज सुचारू रूप से चला और कई सदस्यों ने लोक महत्व के तहत अपने-अपने मुद्दे उठाए। इसके बाद अपराह्न करीब 04:45 बजे उच्च सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विभिन्न दलों के नेताओं ने नए सभापति सी पी राधाकृष्णन को यह दायित्व संभालने के लिए बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि उनके अनुभव से सदन के कुशल संचालन में मदद मिलेगी।

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