एसआईआर के मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध, कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

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नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल बाधित हुआ तथा सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। विपक्षी सदस्यों ने ‘एसआईआर वापस लो’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए।

हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पेश किया।

पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को कुछ दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और सभा ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद अध्यक्ष ने महिला विश्वकप क्रिकेट और महिला कबड्डी विश्वकप में भारत की जीत पर हर्ष व्यक्त करते हुए खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

इसके बाद जैसे ही उन्होंने प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य कुछ मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए अपने स्थानों पर खड़े हो गए। बाद में कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए।

बिरला ने विपक्षी सदस्यों से रचनात्मक भागीदारी निभाते हुए सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन हैं। सभी सदस्यों से अपेक्षा है कि वे रचनात्मक भागीदारी निभाएं। लोकतंत्र में सहमति, असहमति होती रही है, वैचारिक मतभेद भी होते हैं। लेकिन चर्चा, संवाद से ही समाधान निकलता है। पिछले सत्र में भी मैंने आपसे आग्रह किया था कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हमें अच्छी परिपाटियां और परंपराएं स्थापित करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन नारेबाजी और तख्तियां दिखाने के लिए नहीं है। इसके लिए बाहर अवसर मिलते हैं। हमें जनता की कठिनाई, चुनौतियों और मुद्दों पर चिंता करनी चाहिए।’’

अध्यक्ष ने कहा कि वह सभी सदस्यों को उनकी बात रखने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध कराएंगे, लेकिन ‘‘नियोजित तरीके से सदन को बाधित करना लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है।’’

उन्होंने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण समय होता है और इसे स्थगित करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

विपक्ष के हंगामे के बीच ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अनुराग शर्मा ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे, जिनके केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने उत्तर दिए।

हालांकि, शोर-शराबा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने बैठक 12 बजे तक स्थगित कर दी।

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