नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को कॉरपोरेट ऋण की मांग में तेजी आने की उम्मीद है। एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा है कि बैंक को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की शेष दो तिमाहियों में कॉरपोरेट या कंपनियों को कर्ज के खंड में दो अंकीय वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि जहां तक कॉरपोरेट ऋण के लिए पाइपलाइन की बात है, उन्होंने कहा, ‘‘बैंक के पास एक मजबूत पाइपलाइन है। हमारे पास लगभग सात लाख करोड़ रुपये के मंजूर ऋण हैं, जिसमें बिना इस्तेमाल की गई कार्यशील पूंजी सीमा और मियादी ऋण शामिल हैं जो अभी वितरण की प्रक्रिया में हैं।’’
शेट्टी ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘इसके अलावा, इसमें कई परियोजना कर्ज भी शामिल हैं जिन पर अभी बातचीत चल रही है।’’
उन्होंने कहा कि इसलिए कॉरपोरेट कर्ज जो पिछले कुछ समय से पिछड़ रहा था, दूसरी तिमाही में इसमें 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शेष दो तिमाहियों में हम कॉरपोरेट ऋण में निचले दो अंक की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
देश के सबसे बड़े ऋणदाता के चेयरमैन ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार से कार्यशील पूंजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो हर तिमाही के साथ और मजबूत होता जा रहा है।
मियादी ऋण के बारे में उन्होंने कहा, जो पहले से मंजूर हैं और वितरण की प्रक्रिया में है अब उन्हें लिया जा रहा है। इसके अलावा तीसरी श्रेणी वह है जहां परियोजनाओं पर बातचीत चल रही है।
एसबीआई चेयरमैन ने यह भी कहा कि बैंक को ऋण वृद्धि बढ़ाने और पांच-छह साल में 15 प्रतिशत का पूंजी पर्याप्तता अनुपात बनाए रखने के लिए इक्विटी पूंजी की शायद जरूरत न पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्यूआईपी के आने से पहले भी, ऋण वृद्धि को वित्तपोषित करने की हमारी क्षमता कभी कोई समस्या नहीं रही।’’