भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए सालाना 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर जरूरी: रंगराजन

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हैदराबाद,  भारत को 2047 तक 13,000 अमेरिकी डॉलर की प्रति व्यक्ति आय के साथ विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सालाना सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने मंगलवार को यह बात कही।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन ने यह भी कहा कि असमानता या गरीबी को कम करने के लिए नवाचार एकमात्र समाधान नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि तेज वृद्धि के अलावा, देश को नकदी और न्यूनतम आय जैसी सब्सिडी के रूप में सामाजिक सुरक्षा जाल की भी जरूरत हो सकती है।

रंगराजन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मेरे हिसाब से 7-8 प्रतिशत के बीच की वास्तविक वृद्धि इसे विकसित अर्थव्यवस्था के करीब ले जाएगी। विकसित अर्थव्यवस्था की परिभाषा के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 13,000 अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक है। भारत की प्रति व्यक्ति आय इस वक्त 2700 अमेरिकी डॉलर है। इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर पांच गुनी करनी होगी।’

उन्होंने कहा कि अगर विनिमय दर को निचले स्तर पर रखा जाए या कीमतें बढ़े तो आय में वृद्धि होगी और भारत एक विकसित राष्ट्र बन सकता है।

रंगराजन ने कहा कि इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था की डॉलर के मूल्य में गणना वास्तविक वृद्धि, मुद्रास्फीति के स्तर और विनिमय दर पर निर्भर करती है।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के पूर्व महानिदेशक रघुनाथ अनंत माशेलकर ने आज आईसीएफएआई के 13वें स्थापना दिवस पर व्याख्यान दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति रंगराजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़कर समारोह की अध्यक्षता की।

रंगराजन ने अपने भाषण में कहा कि प्रौद्योगिकी से आर्थिक वृद्धि को गति मिली है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि पिछली डेढ़ शताब्दियों या उससे अधिक समय में विकसित देशों ने जो वृद्धि दर्ज की है, उसका आधार प्रौद्योगिकी के कारण संभव हो सका।