प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने अपने पूर्ववर्तियों की सराहना की

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नयी दिल्ली, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने शुक्रवार को भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीशों के योगदान की सराहना की और कहा कि उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व उनके (सूर्यकांत के) लिए मानक स्थापित करेगा।

‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) द्वारा उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए प्रधान न्यायाधीश ने बार निकायों और वकीलों से सहयोग का आह्वान किया और कहा कि वर्षों से लंबित उनके मुद्दों का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान किया जाएगा।

हरियाणा के हिसार जिले के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने 24 नवंबर को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और लगभग 15 महीने तक इस पद पर बने रहेंगे।

वह नौ फरवरी, 2027 को 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पद छोड़ देंगे।

प्रधान न्यायाधीश ने खुलासा किया कि उन्होंने एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह और ‘सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन’ (एससीओआरए) के प्रमुख विपिन नायर के साथ उल्लेख और मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए बैठकें कीं।

उन्होंने कहा कि एक दिसंबर से विभिन्न पीठों के समक्ष नए मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू होगी।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि शुरुआती स्तर पर कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। जब भी आप कोई नई चीज पेश करते हैं, तो कुछ समस्याएं उत्पन्न होती हैं, लेकिन आपके सहयोग, समर्थन, समय पर सलाह और आपके विचारों व सुझावों से, जिनकी मुझे हमेशा प्रतीक्षा रहती है, हम उन समस्याओं का समाधान कर पाएंगे।’’

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