श्रृंगार करना कोई नयी बात नहीं है। यह परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। स्त्री द्वारा सोलह श्रृंगार का वर्णन अनेक स्थानों पर मिलता है। प्राचीन काल में मानव द्वारा श्रृंगार प्राकृतिक तरीकों से किया जाता था किन्तु जैसे-जैसे सभ्यता का विकास होता गया, इसमें भी परिवर्तन आता गया और अब प्राकृतिक साधनों की जगह कृत्रिम साधनों ने ले ली है।
आज के व्यस्त जीवन के बावजूद मानव में सुंदर दिखने की प्रवृत्ति कम नहीं हुई है बल्कि बढ़ी ही है। यही कारण है कि जगह-जगह ब्यूटी पार्लर खुल गये हैं। आज बाजार में कॉस्मैटिक वस्तुओं की भरमार है। यह सच है कि ये वस्तुएं सुंदरता को बढ़ाने में काफी हद तक सहायक हैं किन्तु इनका प्रभाव क्षणिक होता है और परिणाम अत्यंत घातक।
देश-विदेश की छोटी-बड़ी कम्पनियां इस क्षेत्र में आ चुकी हैं और अपने उत्पादों के जरिए लोगों को लुभाने में लगी हुई है। इतना ही नहीं, वे हर्बल कॉस्मैटिक के नाम पर केमिकल बेस या घटिया किस्म के कॉस्मैटिक आकर्षक विज्ञापनों के द्वारा पेश कर रही हैं जो त्वचा को कई तरह से हानि पहुंचाते हैं। इनसे न केवल त्वचा की प्राकृतिक चमक नष्ट हो जाती है अपितु एलर्जी, त्वचा पर चकत्ते और त्वचा के कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो जाती हैं।
चेहरे की सुन्दरता को बढ़ाने का दावा करने वाले अधिकांश सौंदर्य प्रसाधन फेशियल क्रीम इत्यादि त्वचा के मैलिनिन को नष्ट कर देती हैं जिनसे त्वचा असमय ही रूखी एवं झुर्रीदार हो जाती है। मुहांसों की जिम्मेदार भी काफी हद तक यही वस्तुएं हैं।
इसके अलावा बालों का टूटना, गंजापन, असमय सफेदी की समस्या आम है। इसके लिए भी काफी हद तक बाजार में उपलब्ध शैम्पू, कंडीशनर, खिजाब आदि जिम्मेदार है। शैम्पू एवं कंडीशनर के अत्यधिक प्रयोग से बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
सफेद बालों को काला करने के लिए खिजाब और मेंहदी का प्रयोग किया जाता है लेकिन यह कम लोगों को ही मालूम है कि खिजाब लगाने से कई घातक बीमारियां हो सकती है। इनमें सबसे हानिकारक पदार्थ परोफीनेलेन डायमाइन (पी. एच. डी.) और हाइड्रोजन पैराक्साईड होता है जिससे सिर में जलन खुश्की, चकत्ते, एलर्जी जैसी बीमारियां हो जाती हैं। इसके साथ ही साथ व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है।
इन समस्याओं से निपटने के लिए आज जरूरत इस बात की है कि हम कृत्रिम वस्तुओं की तरफ अंधाधुंध दौड़ने के बजाय प्रकृति से जुड़ें। कृत्रिम सौंदर्य सामग्रियों से रूप एवं यौवन सजाया संवारा तो जा सकता है लेकिन कुछ ही घंटों के लिए जबकि स्थायी रूप से सौंदर्य को बनाये रखने के लिए अच्छी सेहत और तन्दुरूस्ती को बनाये रखने के लिए पुरूष एवं महिलाओं को खानपान, सफाई, नियमित व्यायाम और कार्य करने की पद्धति पर ध्यान देना जरूरी है जो न केवल आपकी सुंदरता को बढ़ाता है अपितु खोया यौवन भी वापस लाता है।
