नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार 2047 तक वैश्विक खाद्यान्न भंडार बनने के भारत के दृष्टिकोण के तहत हरित ईंधन आधारित कृषि मशीनरी को प्राथमिकता देगी और छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए मशीनीकरण तक पहुंच बढ़ाएगी।
फिक्की द्वारा यहां आयोजित ‘ईआईएमए एग्रीमैच’ कार्यक्रम के नौवें संस्करण को संबोधित करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के चार प्रमुख उद्देश्यों कृषि लागत में कमी, उत्पादकता में वृद्धि, मूल्य संवर्धन के माध्यम से मूल्य प्राप्ति में सुधार और जलवायु लचीलापन हासिल करने के लिए मशीनीकरण महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अगले पांच से 10 वर्ष में हमें अपनी प्रौद्योगिकियों को हरित ईंधन की ओर स्थानांतरित करना चाहिए। चाहे वह विद्युत चालित ट्रैक्टर हों या ग्रामीण सीबीजी संयंत्रों से उपलब्ध सीबीजी (संपीड़ित बायोगैस) पर चलने वाली मशीनें हों।’’
कृषि सचिव ने कहा कि इस बदलाव से किसानों के लिए रखरखाव और परिचालन लागत दोनों में कमी आएगी तथा सरकारी योजनाओं में हरित ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित इतालवी उद्योग के समकक्षों से इस क्षेत्र में सहयोग करने का आह्वान किया और कहा कि यह समय की मांग है।
टीएएफई ग्रुप के अध्यक्ष टी.आर. केसवन और कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के दक्षिण एशिया अध्यक्ष सुब्रतो गीड भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।