बेंगलुरु, 27 नवंबर (भाषा) महिंद्रा एंड महिंद्रा अगले साल जनवरी से वाहनों की कीमतें बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है जब तक कि कच्चे माल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि न हो। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
कार विनिर्माता कंपनियां आमतौर पर प्रत्येक वर्ष जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा करती हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के कार्यकारी निदेशक तथा वाहन एवं कृषि क्षेत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राजेश जेजुरिकर ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम अभी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे जब तक कि कच्चे माल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि न हो।’’
जेजुरिकर ने अगले साल जनवरी से वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की कंपनी की योजना के बारे में सवाल किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस बात से पूरी तरह अवगत हैं कि देश ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे कीमतें बढ़ाने के लिए मुनाफाखोरी के उद्देश्य को बढ़ावा देकर इस रणनीति को कमजोर किया जा सके।’’
जेजुरिकर ने कहा, ‘‘ इसलिए हम कीमतें तभी बढ़ाएंगे जब विनिर्माण लागत में स्पष्ट और ठोस वृद्धि होगी। हम केवल इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा आम तौर पर किया जाता है।’’
कार विनिर्माताओं ने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए 22 सितंबर से कीमतों में कटौती की घोषणा की है।
जीएसटी परिषद द्वारा कर दरों को युक्तिसंगत बनाने के निर्णय से अधिकतर छोटी एवं मध्यम आकार की कारों को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की निचली कर श्रेणी में रखा गया है। अधिकतर बड़ी एसयूवी तथा लक्जरी वाहनों के लिए प्रभावी कर लगभग 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।