गुवाहाटी, 27 नवंबर (भाषा) मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि असम सरकार के मंत्रिमंडल ने राज्य के छह प्रमुख समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा प्रदान करने के प्रस्ताव से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है।
ताई अहोम, चुटिया, मोरान, मोटोक, कोच-राजबोंगशी और टी ट्राइब्स (आदिवासी) लंबे समय से एसटी दर्जे की मांग कर रहे थे।
बुधवार शाम कैबिनेट बैठक के बाद शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि यह रिपोर्ट राज्य का जनजातीय कार्य विभाग विधानसभा में प्रस्तुत करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे कि शीतकालीन सत्र समाप्त होने से पहले इसे सदन में पेश किया जाए।’’
तीन सदस्यीय मंत्री समूह की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने की, जबकि अन्य दो सदस्य जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री केशव महंत थे।
कैबिनेट ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में हथकरघा, वस्त्र और रेशम उत्पादन विभाग की 99 एकड़ भूमि को संस्कृति मामलों के विभाग को हस्तांतरित करने को भी मंजूरी दी है। इस भूमि पर एक अत्याधुनिक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, जहां ‘वृंदावनी वस्त्र’ को प्रदर्शित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भगवान कृष्ण के जीवन को दर्शाने वाला 16वीं शताब्दी का यह प्रसिद्ध रेशमी वस्त्र, लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय से ऋण पर लाया जाएगा, जिसे कोच राजा नारा नारायण के अनुरोध पर असम के श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में बनाया गया था।