कृषि में मशीनों के उपयोग को समर्थन देने से पराली जलाने के मामले घटे: सचिव चतुर्वेदी

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नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि सरकार के विभिन्न उपायों से इस साल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। इसमें कृषि मशीनरी के उपयोग और अन्य उपायों के लिए सरकारी सहायता प्रमुख रूप से शामिल हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल रबी फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहेगी।

चतुर्वेदी ने फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के ‘एफपीओ-हॉस्पिटैलिटी एंड फार्मर्स बेनिफिट’ विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने किसानों को इस समस्या से निपटने के लिए उपयुक्त उपकरण और आवश्यक उपाय उपलब्ध कराए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से… मशीनरी उपलब्ध कराने और स्थानीय तथा बाह्य उपायों की नीति के कारण, दिल्ली, आसपास के क्षेत्रों, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है।’’

कृषि सचिव ने कहा कि पिछले दस दिन में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

उत्तर भारत में किसानों द्वारा फसलों की कटाई के बाद पराली जलाना सर्दियों के महीनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों में गंभीर वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण रहा है।

प्रदूषण के अन्य स्रोतों के बारे में पूछे जाने पर, चतुर्वेदी ने कहा कि अन्य मंत्रालय इस पर टिप्पणी करने में बेहतर स्थिति में हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस साल रबी फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि होटल और रेस्तरां की खाद्य उत्पादों की मांग को एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित और वाजिब मूल्य सुनिश्चित होगा।

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