ईटानगर, 23 नवंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश सरकार ने बागरा अनानास, पासीघाट गुड़ और बाली (चावल) सहित 10 कृषि उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग की मांग करते हुए पंजीकरण कराया है। एक अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
आईडु यांबा (रागी), अंगपू (कद्दू), मिपुन चावल, लिबी बालांगबू (सफ़ेद राजमा), बेबो (बड़ी इलायची), दालचीनी और अंडोये (राजमा) भी उन कृषि उत्पादों में शामिल हैं जिनके जीआई टैग के लिए पंजीकरण कराया गया है।
‘स्टेट हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट'(एसएचआरडीआई) के निदेशक एगम बसर ने कहा कि यह “पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में उत्पादों के लिए जीआई टैग को लेकर एक साथ पंजीकरण कराया गया है।’’
उन्होंने बताया कि जीआई पंजीकरण प्रक्रिया को ‘ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन’ के महासचिव और जीआई विशेषज्ञ पद्म श्री डॉ. रजनीकांत सुगम बना रहे हैं।
राज्य सरकार ने जीआई महोत्सव 2025 के दौरान यह घोषणा की थी कि अरुणाचल प्रदेश को 2029 तक कम से कम 50 भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग के लिए पंजीकरण कराना चाहिए।
बसर ने बताया कि 20 उत्पाद पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं वहीं 34 के लिए आवेदन किया जा चुका है और 10 अन्य प्रक्रिया में हैं।
अरुणाचल प्रदेश के कई कृषि-बागवानी उत्पादों को जीआई टैग मिला है जिनमें वाकरो संतरा, आदि केकिर (अदरक), खाव ताई (खामती चावल), याक चुरपी, सिंगफो फलाप (सिंगफो चाय) और अंगन्यात बाजरा शामिल हैं।