नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) बहुराष्ट्रीय एयरोस्पेस और पावर सिस्टम कंपनी रोल्स-रॉयस को उम्मीद है कि 2026-27 तक भारत में उसका निजी क्षेत्र का ‘पावर सिस्टम’ कारोबार सरकारी आपूर्ति से अधिक हो जाएगा। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने यह बात कही।
कंपनी भारत में एमटीयू ब्रांड के तहत अपने पावर सिस्टम उत्पाद और समाधान बेचती है। वह डेटा सेंटर, सेमीकंडक्टर साइट, फैक्ट्रियों और अन्य संस्थागत बैकअप तैनाती के लिए पावर समाधान की तेजी से बढ़ती मांग पर बड़ा दांव लगा रही है।
रोल्स-रॉयस का पावर सिस्टम कारोबार बड़े इंजनों, प्रोपल्शन सिस्टम और डिस्ट्रिब्यूटेड एनर्जी सिस्टम में विशेषज्ञ है। भारत में इसकी मौजूदगी के 25 साल पूरे हो रहे हैं और देश में 2600 से ज्यादा एमटीयू इंजन व जेनसेट नौसेना, थल सेना, खनन और बिजली क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं।
रोल्स-रॉयस पावर सिस्टम्स के वैश्विक बाजार के अध्यक्ष और रोल्स-रॉयस सॉल्यूशंस एशिया के प्रबंध निदेशक जियोवानी स्पादारो ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”भारत में पहले हमारा ध्यान नौसेना, थल सेना, उत्पादों की सर्विसिंग, कुछ खनन कारोबार और अस्पतालों तथा महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए आपातकालीन बैकअप पावर पर था।”
उन्होंने आगे कहा, ”अब दुनिया के ज्यादातर हिस्सों की तरह भारत में भी डेटा सेंटर कारोबार बढ़ रहा है और इससे पूरी तस्वीर बदल रही है।”
स्पादारो ने कहा कि पहले जहां 70 प्रतिशत कारोबार सरकारी और 30 प्रतिशत निजी क्षेत्र से आता था, वहीं इस साल यह लगभग 50-50 प्रतिशत के करीब पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आगे चलकर निजी क्षेत्र का हिस्सा और मजबूत हो जाएगा।
स्पादारो ने भारत में गैर-सरकारी कारोबार के तीन मुख्य स्तंभ बताए – डेटा सेंटर, गैस इंजन और सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति।
रोल्स-रॉयस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष और एमटीयू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जी एस सेल्विन ने कहा कि 2026-27 से पावरजेन कारोबार में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत हो जाएगी।
उन्होंन कहा, ”हम भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान दे रहे हैं। नौसेना और थल सेना दोनों में अपने प्रतिस्पर्धी उत्पादों से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं।”