कार्यक्रमों में बुके नहीं, बुक दीजिए: पुष्कर सिंह धामी

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देहरादून, 22 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि इंटरनेट और कृत्रिम मेधा (एआई) के युग में भी पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं है और इसलिए कार्यक्रमों में “बुके नहीं, बुक दीजिए।”

वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक “उत्तराखंड राज्य का नवीन राजनीतिक इतिहास” का विमोचन करने के बाद मुख्यमंत्री ने पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करने पर बल देते हुए कहा कि आज इंटरनेट और कृत्रिम मेधा के दौर में जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाती है, लेकिन किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारे विचारों को गहराई देती हैं और ज्ञान को स्थायी रूप से संजोती हैं।

धामी ने कहा, “पुस्तकों का कोई ‘रिप्लेसमेंट’ (विकल्प) नहीं है। पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि सोचने, समझने और सीखने की एक गहरी प्रक्रिया हैं।”

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपील की, “किसी भी कार्यक्रम में ‘बुके नहीं, बुक दीजिए’, इससे जहां पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी, वहीं लेखकों को भी प्रेरणा मिलेगी।”

धामी ने कहा कि वह स्वयं भी पुस्तकें पढ़ने के लिए समय निकालते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान वह अपने साथ पुस्तकें ले जाते हैं, जहां उन्हें चार–पांच घंटे पढ़ने का अवसर मिल जाता है।

राज्य गठन के बाद की 25 वर्षों की राजनीतिक यात्रा को सुसंगतता और प्रमाणिकता के साथ संकलित करने के लिए मुख्यमंत्री ने रावत की सराहना की और कहा कि यह पुस्तक शोधार्थियों, विद्यार्थियों और प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।

अपनी भाषा, संस्कृति और रीति-रिवाजों के संरक्षण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं में लेखन, गीत-संग्रह, शोध और ‘डिजिटल कंटेंट’ तैयार करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय बोली-भाषाओं और साहित्य के ‘डिजिटाइजेशन’ पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सांस्कृतिक खजाना सुरक्षित रहे और नयी पीढ़ी आसानी से इन तक पहुंच सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल माध्यमों पर सामग्री उपलब्ध होने से हमारी मातृभाषाएं न केवल संरक्षित होंगी, बल्कि आधुनिक समय के अनुरूप और अधिक सशक्त रूप में आगे बढ़ेंगी।

कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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