चेन्नई, 21 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शुक्रवार को संस्कृत को ‘एक मृत भाषा’ कहा जिस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेताओं को टिप्पणी करते समय अधिक जिम्मेदारी बरतनी चाहिए।
द्रमुक नेता उदयनिधि एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने तमिल भाषा के विकास के लिए ‘‘सिर्फ 150 करोड़ रुपये देने पर’’ केंद्र सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि इसके उलट, संस्कृत, जो ‘एक मृत भाषा’ है, को 2,400 करोड़ रुपये मिल रहे हैं।
उदयनिधि के शब्दों पर नाराजगी जताते हुए भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा कि कोई भी किसी भी भाषा को मरा हुआ कहने का हक नहीं रखता, खासकर उस भाषा को जो आज भी पूरे देश में पूजा-पाठ और रीति-रिवाजों में इस्तेमाल होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक भाषा की तारीफ करके दूसरी को नीचा दिखाने की यह सोच पूरी तरह से गलत है और नेताओं को भाषा तथा संस्कृति के बारे में बात करते समय अधिक जिम्मेदार होना चाहिए।’’
सुंदरराजन ने दावा किया कि तमिल में भी संस्कृत से कई चीजें शामिल की गई हैं।