पुलिस अमोनियम नाइट्रेट की खरीद-फरोख्त करने वालों का रिकॉर्ड रखें: उपराज्यपाल सक्सेना

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नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट में 15 लोगों की मौत के कुछ दिन बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने निर्धारित सीमा से अधिक अमोनियम नाइट्रेट की खरीद-फरोख्त करने वाली इकाइयों का ‘डिजिटल रिकॉर्ड’ रखने के निर्देश दिए हैं। उपराज्यपाल ने व्यस्त बाजारों और विभिन्न आईएसबीटी में कड़ाई से सुरक्षा ऑडिट करने के भी निर्देश दिए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि ये निर्देश 19 नवंबर को पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को लिखित रूप में भेजे गए थे। ये निर्देश उपराज्यापाल के आदेश पर उठाए गए कई ‘एहतियाती और रोकथाम’ संबंधी उपायों का हिस्सा हैं।

सक्सेना ने पुलिस से निर्धारित सीमा से अधिक अमोनियम नाइट्रेट खरीदने या बेचने वाली इकाइयों का ‘डिजिटल रिकॉर्ड’ तैयार करने का निर्देश दिया है। इसमें खरीदार और विक्रेता की तस्वीरों के अलावा अन्य प्रासंगिक विवरण भी शामिल होने चाहिए।

पुलिस को ‘मेटा’ और ‘एक्स’ जैसे सोशल मीडिया मंचों के प्रमुखों के साथ परामर्श करके चरमपंथी और नागरिकों को प्रभावित करने वाली सामग्री की वैज्ञानिक निगरानी करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पुलिस आयुक्त को चरमपंथ की ओर प्रवृत्त संवेदनशील क्षेत्रों में मानव और तकनीकी खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने, साथ ही समुदाय और नागरिक जुड़ाव बढ़ाने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया गया है।’’

सक्सेना ने व्यस्त बाजारों और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) में सीसीटीवी कवरेज और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की समीक्षा के लिए कड़ाई से सुरक्षा ऑडिट करने का भी निर्देश दिया है।

प्रशासन से कहा गया है कि अस्पतालों, विशेषकर निजी संस्थानों में नियुक्त चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मचारियों का केंद्रीय डेटा भंडार बनाया जाए, जिसमें उनकी मेडिकल डिग्री और अनुभव का विवरण शामिल हो। विदेश से डिग्री प्राप्त करने वाले पेशेवरों की जानकारी भी पुलिस को पृष्ठभूमि जांच के लिए साझा की जानी चाहिए।

इसके अलावा वाहन बिक्री और खरीदी के डिजिटल मंचों और वित्तीय संस्थाओं के साथ परामर्श करने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘स्पष्ट निर्देश दिए जाने चाहिए कि किसी भी परिस्थिति में ऐसे वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिनके वास्तविक मालिक और पंजीकृत मालिक अलग-अलग हों। यह समस्या विशेषकर ऑटो रिक्शा के मामलों में सामने आती है।’’

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