पर्यावरण, प्रदूषण और बचाव एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं. जहाँ पर्यावरण वह प्राकृतिक वातावरण है जिसमें हम रहते हैं, प्रदूषण इस वातावरण का हानिकारक दूषित होना है, और बचाव इस प्रदूषण को रोकने और ठीक करने के उपाय हैं.बचाव के उपायों में पेड़ लगाना, कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक का कम उपयोग, ऊर्जा की बचत और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग शामिल हैं.
पर्यावरण-
पर्यावरण एक व्यापक शब्द है जिसमें हवा, पानी, मिट्टी, पौधे और जीव-जंतु शामिल हैं.
यह वह प्राकृतिक वातावरण है जिसमें सभी जीवित प्राणी अपना जीवन यापन करते हैं.
मानव गतिविधियों के कारण पर्यावरण प्रदूषित होता है, जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है.
प्रदूषण –
प्रदूषण हवा, पानी और मिट्टी के अवांछित और हानिकारक दूषित होने को कहते हैं.
वायु प्रदूषण: हवा में हानिकारक गैसों, धूल और कणों का मिलना.
जल प्रदूषण: नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों में औद्योगिक कचरा, रसायन या मल का मिलना.
ध्वनि प्रदूषण: तेज शोर-शराबा, जो मनुष्यों और वन्यजीवों के लिए हानिकारक है.
प्लास्टिक प्रदूषण: प्लास्टिक कचरे का जमा होना.
बचाव (प्रदूषण को कम करने के उपाय) –
वृक्षारोपण: अधिक से अधिक पेड़ लगाना और वनों की कटाई को रोकना पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
प्लास्टिक का कम उपयोग: प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े या कागज के थैले इस्तेमाल करें.
सार्वजनिक परिवहन और साइकिल का उपयोग: निजी वाहनों का उपयोग कम करें और सार्वजनिक परिवहन, साइकिल या पैदल चलने को प्राथमिकता दें.
ऊर्जा की बचत: बिजली के उपकरणों को बंद करें जब वे उपयोग में न हों और ऊर्जा-कुशल बल्बों का उपयोग करें.
कचरा प्रबंधन: कचरे को कूड़ेदान में डालें और रिसाइक्लिंग को अपनाएं।
जल संरक्षण: पानी का दुरुपयोग न करें और जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाएं.
स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग: सौर या पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करें.
जागरूकता फैलाएं: लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करें.
हम हवा को ख़राब करते हैं; प्रदूषण स्वयं हवा में खराब नहीं होता. हवा की गुणवत्ता को खराब करने के लिए मनुष्य विभिन्न स्रोतों से हानिकारक कणों और गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जैसे कि वाहनों, उद्योगों और कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं. यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (EEA) बताती है कि यह प्रदूषक हवा, पानी और मिट्टी को नुकसान पहुंचाते हैं, और हम इसे अंदर लेते हैं.
प्रदूषण को कम करके पर्यावरण को बचाना हर किसी की ज़िम्मेदारी है. इसके लिए प्लास्टिक का उपयोग कम करें, कचरा सही जगह पर फेंकें, पेड़-पौधे लगाएं, ऊर्जा की बचत करें और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग.
पर्यावरण संरक्षण के लिए आप क्या कर सकते हैं:
कचरा प्रबंधन –
कचरा कूड़ेदान में ही डालें, इधर-उधर न फेंके.
प्लास्टिक और पॉलिथीन का इस्तेमाल कम करें.
रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दें और कचरे को सही तरीके से अलग-अलग करें.
ऊर्जा बचाएं:
जब जरूरत न हो तो लाइट और पंखे बंद कर दें.
ऊर्जा-कुशल उपकरण इस्तेमाल करें.
गाड़ी का नियमित रखरखाव करवाएं ताकि वह कम ईंधन का उपयोग करे.
पेड़-पौधे लगाएं:
अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें.
पौधों को पानी दें और उनकी रक्षा करें.
स्वच्छता बनाए रखें:
सार्वजनिक स्थानों पर थूकें नहीं और शौचालय का उपयोग करें.
धैर्य से अपना कर्तव्य निभाएं.
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें:
जहां संभव हो, सार्वजनिक परिवहन या साइकिल का उपयोग करें.
गाड़ी को ठीक-ठाक स्थिति में रखें.
जागरूकता फैलाएं:
अपने परिवार और दोस्तों को पर्यावरण बचाने के महत्व के बारे में बताएं.
प्रदूषण का अर्थ है -‘वायु, जल, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना’, जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारितन्त्र|पारिस्थितिक तन्त्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं। वर्तमान समय में पर्यावरणीय अवनयन का यह एक प्रमुख कारण ह.
प्रदूषण का अर्थ है पर्यावरण में अवांछित तत्वों का मिलना, जिससे पर्यावरण और सभी जीव-जंतुओं को नुकसान पहुँचता है. इसके प्रमुख प्रकार हैं वायु प्रदूषण (हवा का दूषित होना), जल प्रदूषण (पानी का दूषित होना), और मृदा प्रदूषण (मिट्टी का दूषित होना)। इनके अलावा ध्वनि प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण और तापीय प्रदूषण जैसे अन्य प्रकार भी हैं.
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प्रदूषण के प्रकार
वायु प्रदूषण: उद्योगों, वाहनों, और अन्य गतिविधियों से निकलने वाले धुएं और कणों के कारण हवा का दूषित होना.
जल प्रदूषण: नदियों, झीलों और महासागरों में औद्योगिक कचरा, सीवेज और रासायनिक अपशिष्टों के मिलने से पानी का दूषित होना.
मृदा प्रदूषण: कृषि में कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग, औद्योगिक कचरा और अन्य अपशिष्टों को अनुचित तरीके से फेंकने से मिट्टी का दूषित होना.
ध्वनि प्रदूषण: अत्यधिक शोर, जैसे कि यातायात, निर्माण कार्य और लाउडस्पीकर से होने वाली ध्वनि से होता है.
प्रकाश प्रदूषण: शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक और अकुशल कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था से होता है.
तापीय प्रदूषण: पानी के तापमान में वृद्धि या कमी से होता है, जो अक्सर उद्योगों के कारण होता है.
पर्यावरण को बचाने के लिए हम कई छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं, जैसे कि पेड़ लगाना, प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना, बिजली बचाना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना और पानी का सदुपयोग करना. अपशिष्ट को अलग-अलग करके रीसायकल करना, स्थानीय और जैविक भोजन खाना और ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करना भी इसमें सहायक होता है.
दैनिक जीवन में अपनाएं
प्लास्टिक का कम उपयोग करें: सिंगल-यूज़ प्लास्टिक जैसे पॉलीथीन बैग से बचें और दोबारा इस्तेमाल होने वाले बैग्स का उपयोग करें.
पानी बचाएं: नल को खुला न छोड़ें और अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद न करें। डिशवॉशर का उपयोग करते समय, बर्तनों को धोने से पहले साफ करने से बचें.
बिजली बचाएं: जब कोई उपकरण इस्तेमाल में न हो, तो उसे बंद कर दें। एलईडी बल्ब जैसे ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था का उपयोग करें.
कम खपत करें और दोबारा इस्तेमाल करें: ऐसी चीजें चुनें जिनका दोबारा उपयोग हो सके और कम इस्तेमाल करें.
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: जब संभव हो, तो कार की बजाय पैदल, साइकिल या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें.
भोजन और खरीदारी की आदतें
स्थानीय भोजन खाएं: स्थानीय और जैविक किसानों से भोजन खरीदें और उनका समर्थन करें.
मांस का सेवन कम करें: अपने भोजन में मांस का सेवन कम करने पर विचार करें.
अपशिष्ट प्रबंधन
कचरे को अलग करें: घरेलू कचरे को अलग-अलग करें और रीसायकल करें ताकि लैंडफिल पर बोझ कम हो.
खाद बनाएं: घर पर खाद बनाने से कचरा कम करने में मदद मिलती है।
अन्य महत्वपूर्ण कार्य
पेड़ लगाएं: एक पेड़ लगाएं और उसकी देखभाल करें, क्योंकि पेड़ लगाना पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
रसायनों का प्रयोग कम करें: बागवानी और खेती में रसायनों और कीटनाशकों का उपयोग कम करें.
जागरूकता फैलाएं: पर्यावरण को बचाने के लिए दूसरों को भी जागरूक करें और अपने पड़ोस की सफाई में शामिल हों.
चंद्र मोहन
