नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की बोली गतिविधियां धीमी हो गई हैं। ऐसा मुख्य रूप से पारेषण संपर्क से जुड़ी चिंताओं के चलते हुआ।
इक्रा ने एक टिप्पणी में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 47.3 गीगावाट की स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं और 2024-25 में 40.6 गीगावाट की परियोजनाएं दी गईं थी। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में केवल 5.8 गीगावाट की परियोजनाएं ही दी गईं हैं।
एजेंसी ने कहा, ‘‘इस साल बोली गतिविधियां तेज से धीमी हो गई है… इसके अलावा, हस्ताक्षर के बिना पीपीए क्षमता अभी भी लगभग 40-45 गीगावाट बनी हुई है।’’
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) गिरीश कुमार कदम ने एक वीडियो गोष्ठी में कहा कि नयी परियोजनाओं के लिए बोली में देरी से इस क्षेत्र के लिए उपलब्ध पारेषण संपर्क से जुड़ी चिंताओं का साफ तौर पर पता चलता है।