नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सामने आई कुछ चीजों को चुनौतियों के रूप में लिया है, जिन्हें अभियानगत क्षमताओं को मजबूत करने के लिए उद्योग और ‘स्टार्ट-अप’ के सामने पेश किया जाएगा।
नौसेना के आगामी कार्यक्रम ‘स्वावलंबन’ पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नौसेना उप प्रमुख (वीसीएनएस) वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने कहा कि नौका ‘मातंगी’ की ‘‘सफलता’’ के आधार पर ऐसी 10 नौकाओं का ऑर्डर दिया गया है।
भारतीय नौसेना 25 से 26 नवंबर तक मानेकशॉ सेंटर में नवाचार और स्वदेशीकरण पर प्रमुख कार्यक्रम ‘स्वावलंबन 2025’ की मेजबानी करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसके एक सत्र में भाग लेंगे।
स्वावलंबन 2025 का आयोजन भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा त्रि-सेवा अभ्यास ‘त्रिशूल’ के समापन के कुछ दिन बाद किया जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या मई में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीखे गए पाठ पर इस कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी, वीसीएनएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले और बाद में पहचानी गई चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।
वाइस एडमिरल ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने जो देखा और जो सबक सीखे, उनमें से कुछ को हमने चुनौतियों में बदल दिया है।’’
नौसेना अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उपयोग के मामलों से, सामने आई प्रौद्योगिकियों से अपनी आवश्यकताओं की पहचान की है, और इन्हें एमएसएमई और स्टार्ट-अप के लिए चुनौतियों के रूप में प्रस्तुत किया है, ताकि वे ऐसे समाधान लेकर आएं, जिन्हें अभियान में इस्तेमाल किया जा सके।’’