ढाका, 19 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद राजधानी और अन्य जगहों पर छिटपुट, हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर अदालतों और न्यायाधीशों की सुरक्षा की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। अदालत के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
घटनाक्रम से परिचित एक वकील ने बताया, ‘‘उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को शीर्ष अदालत, अधीनस्थ न्यायालयों और देश भर के सभी न्यायाधीशों के लिए मौजूदा सुरक्षा उपायों का आकलन करने और 90 दिनों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया है।’’
भारत की संघीय संरचना के विपरीत, बांग्लादेश के शीर्ष न्यायालय में दो प्रभाग उच्च न्यायालय और अपीलीय प्रभाग हैं।
वकील ने बताया कि न्यायमूर्ति सिकदर महमूदुर रजी और न्यायमूर्ति रजीउद्दीन अहमद की पीठ ने मंगलवार को आदेश जारी कर न्यायाधीशों, उनके अदालत कक्षों और आवासों, सर्वोच्च न्यायालय परिसर और देश भर के सभी अधीनस्थ दीवानी और आपराधिक न्यायालयों तथा न्यायाधिकरणों की समग्र सुरक्षा सुनिश्चित करने में संबंधित अधिकारियों की निष्क्रियता पर स्पष्टीकरण मांगा।
हसीना को सोमवार को एक विशेष न्यायाधिकरण ने ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ के लिए उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई थी। यह सजा पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों पर उनकी सरकार की कथित क्रूर कार्रवाई के लिए दी गई है।