बेंगलुरु, 19 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को दावा किया कि उनकी वजह से केंद्र चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य में वृद्धि की उद्योग की मांग पर विचार करने को तैयार हुआ।
सिद्धरमैया ने दावा किया कि यह कदम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी बैठक के बाद उठाया गया है।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 विपणन वर्ष के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है और वह चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ाने के लिए उद्योग की मांग पर विचार करेगा।
फरवरी 2019 में चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य 31 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया था और अबतक इसमें बदलाव नहीं किया गया है। चीनी उद्योग का शीर्ष निकाय इस्मा मांग कर रहा है कि उत्पादन लागत में वृद्धि के मद्देनजर न्यूनतम मूल्य बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाए।
सिद्धरमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जोशी ने कहा है कि वे (केंद्र) इसे (न्यूनतम विक्रय मूल्य) 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम करने पर विचार करेंगे। मैंने 41 रुपये प्रति किलोग्राम की मांग की थी। मेरे (प्रधानमंत्री से) अनुरोध करने के बाद उन्होंने ऐसा किया है।’’
उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि चीनी मिलों ने मुख्यमंत्री और उनसे चीनी की कीमतें बढ़ाने की मांग की है क्योंकि पिछली बार कीमतें सात-आठ साल पहले बढ़ाई गई थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया। किसानों और चीनी मिलों दोनों को लाभ मिलना चाहिए। यदि चीनी मिल हैं, तो किसान भी होंगे और इसी प्रकार, यदि किसान हैं, तो मिल भी होंगी। हमने केंद्र से न्याय करने का अनुरोध किया था।’’