श्रीनगर, 18 नवंबर (भाषा) ‘सफेदपोश’ आतंकी साजिश मामले में कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की व्यापक छापेमारी के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि किसी और की गलती की सजा आम लोगों को सामूहिक रूप से नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने नौगाम थाने में दुर्घटनावश हुए विस्फोट की गहन जांच की भी मांग की और कहा कि इस घटना से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलना अभी बाकी हैं।
शुक्रवार को नौगाम विस्फोट में मारे गए पुलिस निरीक्षक शाह असरार के परिवार से उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा, “ऐसा लगता है कि आने वाला समय कश्मीर के लिए भयावह हो सकता है। दिल्ली (लाल किला विस्फोट) में किसी की गलती की सजा जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामूहिक रूप से नहीं दी जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन आम कश्मीरी लोगों के साथ कठोरता नहीं बरती जानी चाहिए।”
पीडीपी अध्यक्ष ने राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) के निरीक्षक असरार के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि नौगाम जैसी घटना नहीं होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, “इस घटना में लोगों, खासकर पुलिसकर्मियों की जान गई। कश्मीर इस समय चिंता और डर के माहौल से गुजर रहा है। अमोनियम नाइट्रेट को संभालने के लिए विशेषज्ञ होने चाहिए थे। इसे पुलिसकर्मियों या आम लोगों द्वारा संभालना खतरनाक था।”
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उनके छोटे बच्चे हैं और पूरा कश्मीर उनके दुख में साथ खड़ा है।
उन्होंने नौगाम विस्फोट की व्यापक जांच की मांग करते हुए कहा कि कई गंभीर सवालों के जवाब जरूरी हैं।
उन्होंने कहा, “लगभग 3,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट यहां क्यों लाया गया? इसे रिहायशी इलाके से घिरे पुलिस थाने में क्यों रखा गया?”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया, “नायब तहसीलदार या पुलिसकर्मियों को इसे संभालने की जिम्मेदारी क्यों दी गई, जबकि उन्हें इसका कोई अनुभव नहीं था?”
मुफ्ती ने सरकार से प्रभावित परिवारों की विशेष देखभाल करने की अपील की और घटना में जान गंवाने वालों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार देने की मांग की।