नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लाल किले पर आत्मघाती हमला करने वाले डॉ. उमर-उन-नबी का मोबाइल फोन बरामद किया है, और उससे प्राप्त आंकड़ों से यह चौंकाने वाला सबूत मिला है कि उसने आत्मघाती हमले को ‘शहादत अभियान’ बताते हुए एक वीडियो तैयार किया था।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उमर के भाई जहूर इलाही को हिरासत में लेने और उससे पूछताछ के बाद महत्वपूर्ण साक्ष्य सामने आए। उमर 10 नवंबर को लाल किले के बाहर वह कार चला रहा था जिसमें विस्फोट के बाद 15 लोग मारे गए थे।
इलाही को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (श्रीनगर) जी.वी. संदीप चक्रवर्ती द्वारा गठित एक विशेष टीम ने गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी तब हुई जब पूरे ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ की साजिश का पर्दाफाश होना शुरू हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में अनभिज्ञता जताने वाला इलाही अंततः लगातार पूछताछ में टूट गया और उसने पूछताछकर्ताओं को बताया कि उमर 26 से 29 अक्टूबर के बीच कश्मीर घाटी में था। इलाही के मुताबिक, उमर ने उसे मोबाइल फोन इस स्पष्ट निर्देश के साथ दिया था कि अगर उसके बारे में कोई खबर सामने आए तो इसे “पानी में फेंक देना”।
इसके बाद इलाही पुलिस टीम को उस जगह ले गया जहां उसने फोन को फेंका था। हालांकि हैंडसेट क्षतिग्रस्त था, फिर भी फोरेंसिक विशेषज्ञ महत्वपूर्ण डेटा निकालने में कामयाब रहे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उमर हिंसक चरमपंथी सामग्री के संपर्क में आने के कारण कट्टरपंथ की ओर गहराई से आकर्षित हुआ था, जिसमें इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) और अल-कायदा द्वारा किए गए आत्मघाती बम विस्फोटों से संबंधित कट्टरपंथी वीडियो देखना भी शामिल था।
उमर ने आत्मघाती हमले के बारे में बात करते हुए कई वीडियो भी बनाए थे और दावा किया था कि इस तरह के कृत्य धर्म में सबसे प्रशंसनीय कार्यों में से एक हैं। उमर का लगभग दो मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि फोन को आगे की जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि एनआईए जल्द ही इलाही को हिरासत में ले लेगी।
माना जाता है कि पुलवामा निवासी 28 वर्षीय डॉक्टर उमर कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले इस नेटवर्क का सबसे कट्टरपंथी और प्रमुख सदस्य था।
कार विस्फोट से संबंधित साक्ष्यों और बयानों को जोड़ते हुए अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उमर एक शक्तिशाली वाहन-जनित संवर्धित विस्फोटक उपकरण (वीबीआईईडी) विस्फोट की साजिश रच रहा था, जो संभवतः छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ के आसपास, भीड़भाड़ वाले क्षेत्र या धार्मिक महत्व के स्थान को निशाना बनाकर किया जाना था।