क्या है मोदी सरकार का 6जी प्लान जिसे 2030 तक पूरा करने का विजन है
Focus News 18 November 2025 0
भारत ने 6जी को लेकर अपना विजन साफ कर दिया है। भारत उन देशों में शामिल होगा जहाँ सबसे पहले 6जी सेवा शुरू होगी। सरकार ने ‘6जी विजन’ लॉन्च कर दिया है। इसमें सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाकर काम करने पर बल दिया गया है। मौजूदा 5जी से 6जी करीब 1000 गुना ज्यादा तेजी से डेटा ट्रांसफर कर सकेगा। पलक झपकते ही बड़े से बड़ा डेटा ट्रांसफर हो जाएगा। वहीं बहुत तेज गति से इंटरनेट एक्सेस किया जा सकेगा।
केन्द्र सरकार के मुताबिक 5जी के रोल आउट और एडॉप्शन के बाद अब 6 जी पर पूरा फोकस किया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार का ये लक्ष्य है कि साल 2030 तक भारत में 6जी तकनीक को विकसित किया जा सके। 6जी यानी छठी पीढ़ी की वायरलेस तकनीक, आने वाले समय में इंटरनेट की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी। इसे 5जी से लगभग 1000 गुना तेज माना जा रहा है यानी इतनी रफ्तार कि एक माइक्रोसेकेंड में डाटा का आदान-प्रदान संभव होगा।
जहाँ 5जी ने स्मार्ट डिवाइसों और तेज नेटवर्क का नया दौर शुरू किया था, वहीं 6जी उससे कहीं आगे जाकर मानव जीवन के लगभग हर क्षेत्र को बदलने की क्षमता रखता है। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा सर्जरी, खासकर दूरस्थ सर्जरी में देखने को मिलेगा जहां डॉक्टर हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी रीयल टाइम में ऑपरेशन कर सकेंगे। इसके अलावा रोबोटिक्स, ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी के साथ-साथ रीयल टाइम ऑनलाइन गेमिंग जैसे क्षेत्रों में भी यह तेजी और सटीकता प्रदान करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार 6जी नेटवर्क 1 टेराबाइट प्रति सेकंड तक की डेटा स्पीड दे सकता है, जो सूचना, मनोरंजन, शिक्षा और उद्योग जगत के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।
6जी नेटवर्क उच्च तकनीक से लैस सटीक लोकेशन ट्रैकिंग और वर्चुअल अनुभव को ज्यादा ‘रियल’ बनाने में मददगार साबित होगा। एआई के साथ मिलकर ये नेटवर्क इतना स्मार्ट हो जाएगा कि किसी भी डेटा को कहीं भी स्टोर, प्रोसेस और शेयर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी और ये खुद ब खुद हो जाएगा।
जानकारों के अनुसार 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य में 6जी काफी सहयोग करेगा। उद्योग, शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी के साथ भारत को ये दूरसंचार के क्षेत्र में विश्व का एक अहम केन्द्र बनने में मदद करेगा। भारत का 6जी विजन किफायती, स्थिरता और यूनिवर्सल एक्सेस के सिद्धांतों पर आधारित है। स्वदेशी नवाचार, उन्नत अनुसंधान एवं विकास और वैश्विक सहयोग के माध्यम से ये समाज को और सशक्त बनाएगा। इसके जरिए तय किया जाएगा कि भारत के हर नागरिक को आसानी से 6जी मिल सके। यह इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस विजन का मुख्य लक्ष्य 2030 तक भारत में 6जी तकनीक विकसित करना है।
भारत के 6जी रोडमैप की बात करें तो 2035 तक राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ाने की बात कही जा रही है। सरकार का अनुमान है कि अगले कुछ सालों में भारत की जीडीपी में 6जी के जरिए 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। 5जी और 6जी तंत्र को मजबूत करने के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) के तहक 310.6 करोड़ रुपए और 115 से ज्यादा अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। देश के 100 5जी लेब में अब 6जी की तैयारी हो रही है। 6जी विजन 2030 का मकसद दूरसंचार नवाचार के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में शामिल होना है। इसमें स्वदेशी नवाचार के लिए स्टार्टअप, उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों को एकजुट लाया जाएगा ताकि देश को विकसित राष्ट्र बनाया जा सके।
भारत ने मार्च 2023 में इस दिशा में कदम उठाया था। उस वक्त भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट्स रिलीज किया गया। इसने तय किया गया कि भारत को इस दिशा में ग्लोबल लीडर बनना है। इसे 2023 तक कार्यान्वित करने का लक्ष्य रखा गया। इसका फोकस साफ था। देश के हर नागरिक तक इस तकनीक की पहुँच हो। चाहे वह शहरों में रहता हो या गाँवों, कस्बों में। इसको सफल बनाने के लिए देशभर में 100 से ज्यादा रिसर्च संस्थान काम कर रहे हैं। कई नवाचार प्रोजेक्ट्स को अनुमति भी मिल गई है। ये कदम भारत को दूरसंचार के क्षेत्र में कंज्यूमर से क्रिएटर और एक्सपोर्टर बनाएगा।
6जी मिशन के दो फेज हैं। पहले फेज में 2023 में इसका विजन आना था। 2025 तक इसका फोकस रिसर्च, आईपी क्रिएशन, 6 जी के लिए पूरा ग्राउंड वर्क तैयार करना था। दूसरा फेज 2026 से शुरू हो रहा है, जो 2030 तक चलेगा। इसमें विश्वस्तर पर 6जी और इसका इस्तेमाल, परीक्षण के लिए जगह, लोगों में जागरूकता लाना और बुनियादी ढाँचों के विकास पर केन्द्रित होगा।
भारत सरकार ने उद्योग एक्सपर्ट, दूरसंचार ऑपरेटरों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों को एक मंच पर लाने के लिए भारत 6जी गठबंधन की शुरुआत की है। इस गठबंधन का उद्देश्य भारत में निर्मित 6जी तकनीकों का निर्माण करना है। ऐसा तकनीक, जो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक को टक्कर दे सके।
ये एलायंस अमेरिका में नेक्स्टजी एलायंस, यूरोप में 6जी आईए और फिनलैंड में 6जी फ्लैगशिप कार्यक्रम सहित अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ-साथ अन्य देशों में इसी तरह की पहलों पर भी काम कर रहा है। ये विश्वस्तर का गठजोड़ भारत को विचारों के आदान-प्रदान, साझा मानक निर्धारित करने और भविष्य के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय प्रणालियाँ विकसित करने में मदद कर रहे हैं।
मोबाइल कॉन्ग्रेस 2025 में भारत के दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार भारत का मकसद 6जी पेटेंट का 10 फीसदी हासिल करना है। भारत को एक आत्मनिर्भर और डिजिटल अगुवा के रूप में उभरना तय है। उन्होंने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब लोग कहेंगे कि दुनिया, भारत पर निर्भर है।” उन्होंने कहा था कि भारत नई खोज करेगा और दुनिया को बदलेगा।
कई सरकारी पहल भारत को 6जी के लिए तैयार करने में मदद कर रही हैं। विश्वविद्यालयों में 5जी प्रयोगशालाएँ छात्रों और स्टार्ट-अप्स को दूरसंचार नवाचारों पर सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
इन प्रयोगशालाओं में युवा रिसर्च कर रहे हैं। परीक्षण कर रहे हैं और 6जी के लिए आधार तैयार कर रहे हैं। एक दूसरी पहल दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष ने किया है। इसे 2022 में लॉन्च किया गया था। यह इस क्षेत्र में भारतीय अनुसंधान और स्टार्ट-अप्स का समर्थन करता है। अब तक, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार और भारत के अपने दूरसंचार केन्द्र बनाने पर 310 करोड़ रुपए की 100 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
आईआईआईटी बैंगलोर में एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, भविष्य की संचार प्रणालियों जैसे कि रीकॉन्फिगरेबल इंटेलिजेंट सरफेस और ओ-आरएएन मैसिव एमआईएमओ पर अनुसंधान कर रहा है। ये तकनीक 5जी-एडवांस्ड और 6जी को ताकत देगी। ये सभी पहल एक साथ मिलकर एक स्पष्ट दिशा दिखाती है कि भारत एक सुरक्षित, समावेशी और भविष्य के लिए डिजिटल तंत्र का निर्माण करना चाहता है। ऐसा तंत्र जिससे सभी को लाभ हो, न कि कुछ लोगों को।
भारत की 6जी यात्रा एक तकनीकी विकास से कहीं अधिक है। यह आत्मविश्वास, नवाचार और वैश्विक सहयोग के बारे में है। अनुसंधान केंद्रों और एलायंस से इतर अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों में अहम भूमिका निभाने की है। भारत का हर कदम अनुसरण करने के नहीं, बल्कि नेतृत्व करने के लिए है। भारत 6जी विजन दरअसल एक वादा है। एक ऐसा वादा, जो संचार का भविष्य भारत में बनाएगा और दुनिया के साथ साझा करेगा।
रामस्वरूप रावतसरे
